बेतिया – आज के समय में एजुकेशन एकदम से कमर्शियलाइजड हो गया है, जो कि मिडिल क्लास और लोअर-मिडिल क्लास के बच्चों की पहुँच से बाहर है।
ऐसे में जिनके पास पैसे नहीं है उनके बच्चे पढ़ नहीं सकते हैं. बच्चों की शिक्षा के बारे में ये बाते सुप्रिया रोड स्थित सारांश एजुकेशनल फ़ाउंडेशन के चेयरमैन मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा कि ट्रस्ट की स्कॉलरशिप “सारांश” योजना का मिशन हायर एजुकेशन को देश के आखरी घर तक पहुँचाना है, परंतु यह तब ही संभव है जब हायर एजुकेशन पूरी तरह आर्टिकल 21A के तर्ज पर फ्री कर दिया जाए, ट्रस्ट का मकसद हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई किसी भी धर्म, किसी भी जाति के बच्चे – बच्चियों को मुफ्त और बेहतर शिक्षा प्रदान करना है |
वे कहते है कि ट्रस्ट का मकसद उन गरीब बच्चों को सहायता प्रदान करता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर है, पढ़ने की ललक होने के बाद भी पैसो की कमी के कारण पढ़ नहीं पाते हैं.
ऐसे मे हम उनकी फीस माफ करा देते है और सिर्फ रहने और खाने के खर्च में उच्च शिक्षा (टेक्निकल और प्रोफ़ेशनल) मुहैया कराते है। अपने बीजी शेड्यूल से किसी तरह समय निकाल कर इन बच्चों की मदद करते हैं। वांलिटयर सदस्य अनुप शांडिल्य, updated by gaurav gupta

loading...