सभी प्रकार के कष्टों के हरण के लिए उत्तम दिन

–नृसिंह यज्ञ में भक्त देंगे कष्टों की आहुति
–नृसिंहदेव भगवान की कथा के श्रवण से भक्ति और आस्था में वृद्धि

दिल्ली – इस्कॉन द्वारका श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर में 22 मई बुधवार को नृसिंह चतुर्दशी उत्सव खूब धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रातः 8 बजे से 9 बजे तक वृंदावन से आए परम पूज्य वृंदावन चंद्र स्वामी महाराज द्वारा नृसिंहदेव भगवान की कथा होगी, जिसमें भक्त प्रह्लाद के पिता हिरण्यकशिपु द्वारा दिए कष्टों और एक भक्त के रूप में प्रह्लाद की भगवान कृष्ण के प्रति अगाध आस्था और विश्वास का वर्णन किया जाएगा। इसी भक्ति और आस्था के साथ समस्त तेज के स्रोत भगवान नृसिंहदेव को भक्तगण सादर प्रणाम करते हैं और इस भौतिक जगत की आसुरी काम वासनाओं को मिटाने के लिए प्रार्थना करते हैं।
इस दिन भगवान कृष्ण ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा हेतु हिरण्यकशिपु के संहार के लिए नरसिंह रूप धारण किया था। वे राजमहल के खंभे से आधे मनुष्य तथा आधे सिंह के रूप में प्रकट हुए। हिरण्यकशिपु को ब्रह्मा द्वारा वरदान प्राप्त था कि न तो वह मनुष्य और न ही किसी जानवर के द्वारा मारा जाएगा। न मनुष्य और ईश्वर निर्मित शस्त्रों से, न भूमि, जल, आकाश पर और न दिन और न रात में मारा जाएगा। इस तरह वह अमर होना चाहता था लेकिन भगवान ने ब्रह्मा के वरदान को भी अक्षुण्ण रखा और संध्या के समय अपनी गोद में अपने नाखूनों से उसे मार डाला। इस तरह जन्म, मृत्यु, बुढ़ापा और रोग से कोई नहीं बच सकता।
विष्णु भगवान का भक्त प्रह्लाद मात्र पाँच साल का बालक था जिसे उसके नास्तिक पिता द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था। पर भगवान अपने भक्त का कष्ट नहीं देख सकते। अतः सभी प्रकार के कष्टों के हरण के लिए यह दिन बहुत उत्तम माना जाता है। इसीलिए प्रातः साढ़े टेंपल हॉल में 10.30 बजे यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। प्रातः 9 बजे से कथा के बाद कीर्तन आरंभ होगा। फिर यज्ञ और दोपहर का प्रसादम होगा। शाम 4 बजे से फिर कीर्तन आरंभ किया जाएगा और 6 बजे महा-अभिषेक किया जाएगा। शाम साढ़े 7 बजे भगवान को भोग अर्पण के बाद रात 8 बजे महाआरती व उसके बाद महाप्रसादम वितरण का कार्यक्रम रहेगा। अतः सभी भक्तगण परिवार व मित्रों सहित इसमें भाग लेकर नृसिंह चतुर्दशी को अपने लिए मंगलकारी बनाना चाहिए। साथ ही सेल्फी प्वाइंट्स पर सेल्फी लेकर इस उत्सव को यादगार बनाएँ।

 

update By gaurav gupta 

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