मुरलीगंज – घंटे के स्टेशन मास्टर एवं सिंग्नल मैन के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज लाया गया*

*रेलवे कर्तव्य हीनता के कारण मौत के मुंह में चला गया नवयुवक*

मुरलीगंज से बनमनखी जंक्शन होते हुए बड़हरा तक जाने वाली सवारी गाड़ी 55512 जो मुरलीगंज स्टेशन से 10:02 पर खुली ट्रेन में चढ़ने के क्रम में एक युवक जिसका नाम जसपाल सिंह पिता स्वर्गीय उपेंद्र सिंह घर मुरलीगंज वार्ड नंबर 2 काशीपुर ट्रेन पर चढ़ने के क्रम में गिर पड़ा और ट्रेन की चपेट में आकर उसके दोनों पैर जंघे के पास से कटकर अलग हो गया ।इस घटना की सूचना तुरंत ड्यूटी पर मौजूद पैनल रूम में सहायक स्टेशन मास्टर प्रमोद कुमार को किसी यात्री ने आ कर जानकारी दी । घटना के बारे में प्रमोद कुमार सहायक स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि सूचना कंट्रोल रूम को देने के उपरांत दीपक कुमार सिग्नल स्टाफ के सहयोग से उसे उठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज लाया गया।

मुरलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में घायल का प्राथमिक उपचार कर रहे डॉ जहानवाज ने बताया कि दोनों ही पैर पूरी तरह से कट चुके हैं और इन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार कर एंबुलेंस से मधेपुरा सदर बेहतर चिकित्सा के लिए रेफर कर दिया गया ।

पर मधेपुरा से बेहतर चिकित्सा के लिए दरभंगा रेफर किया जाने के बाद सिंघेश्वर पहुंचते-पहुंचते घायल जसपाल सिंह की मौत हो गई वापस उन्हें पोस्टमार्टम के लिए लाया जा रहा है।

अस्पताल में उपस्थित भारी भीड़ के बीच घायल जसपाल सिंह की विधवा मां दहाड़े मार कर रो रही थी क्योंकि बड़ा बेटा दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो चुका था रोते-रोते बेहोशी के आलम तक पहुंच जाती थी वही छोटा बेटा सांत्वना देने में लगा था।

जीआरपी बनमनखी से घटनास्थल का अवलोकन करने आए जी आर पी रेल पुलिस पदाधिकारी रामबचन प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि एक नंबर प्लेटफार्म पर सवारी गाड़ी पर चढ़ने के क्रम में दुर्घटना घटी है और उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज से मधेपुरा के लिए रेफर कर दिया गया जहां से उसे पुनः बेहतर चिकित्सा के लिए रेफरकिया गया है ।

मधेपुरा से दरभंगा रेफर किए जाने पर रास्ते में सिंघेश्वर के पास हुई घायल की मौत।वापस पोस्टमार्टम के लिए लाया गया मधेपुरा

*हादसे की बड़ी वजह बनी रेल अकर्मण्यता ,रेल प्रशासन की उदासीनता*

गौरतलब हो कि सहरसा से पूर्णिया रेल खंड 2008 के बाद में ध्वस्त होने के बाद इनका मेगा ब्लॉक कर पुनर्निर्माण करवाया गया।

अमान परिवर्तन के बाद गाड़ियों का परिचालन शुरू हुआ पहली गाड़ी 55533 मुरलीगंज से समस्तीपुर के लिए दिनांक 10/ 11 /2013 को 5:15 पर चलाई गई

पुणे 15 282 डाउन कोसी एक्सप्रेस पटना से मुरलीगंज के लिए पहली बार दिनांक 1 सितंबर 2014 को चलाया गया।

ट्रेनों के परिचालन शुरू होने के बाद छोटी लाइन के लिए बनाई गई प्लेटफार्म में बदलाव नहीं किया गया और बड़ी रेल लाइन पर गाड़ियों का परिचालन शुरू हो गया आए दिन तत्कालीन सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा रेल मंत्रालय को बार-बार इस मार्ग की सभी प्लेटफार्म के पुनर्निर्माण के लिए लिखा गया और यहां तक कि सांसद द्वारा सिंह रेल मंत्री से मिलकर स्थिति से अवगत करवाया गया पर के कुंभकरण निद्रा 2013 से अब तक नहीं खुल पाई है।

आए दिन यात्रियों को खासकर बुजुर्ग यात्रियों महिलाओं को ट्रेन में चढ़ने में चोट लगना, गिरना ,पैर में मोच आना, आम बात हो गई।

कई बार रेल पदाधिकारियों डीआरएम का भी मुरलीगंज दौरा हुआ था जिसके लिए व्यवसाय संघ चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं रेल संघर्ष समिति द्वारा इस मुद्दे पर ज्ञापन भी सौंपा गया था पर निष्कर्ष कुछ नहीं निकला और आए दिन दुर्घटनाएं घटती जा रही है और रेल प्रशासन कुंभकरण निद्रा में सोया हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार घायल जसपाल सिंह मुरलीगंज स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ने के क्रम में फिसल कर गिर जाने से दुर्घटनाग्रस्त 10:02 जबकि मुरलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज उसे 11:00 बजे लाया गया लगभग 1 घंटे तक वाह स्टेशन पर पर ही तड़पता रहा पैनल रूम में कार्यरत स्टेशन मास्टर प्रमोद कुमार पहुंचकर दरियादिली दिखाते मुरलीगंज के समाजसेवी युवक चंचल कुमार एवं दीपक कुमार सिग्नल स्टाफ के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज लाया।

मुरलीगंज संवाददाता@ संजीव कुमार, updated by gaurav gupta 

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