वॉशिंगटन। साल 2020 तक धरती पर मौजूद हर व्यक्ति के पास इंटरनेट से कनेक्टेड चार डिवाइस होंगी, जिससे इंटनेट ऑफ थिंग्स (IOT) की सुविधा मिलेगी। सस्ती दर पर 5जी इंटरनेट कनेक्शन मिलने के कारण IoT में वृद्धि होगी। इसकी वजह से अधिक लोगों को समान अवसर मुहैया हो सकेंगे।

बिजनेस इनसाइडर द्वारा किए गए शोध के अनुसार, 2020 तक 24 अरब से अधिक इंटरनेट से जुड़ी डिवाइस दुनिया भर में लग चुकी होंगी। इस संदर्भ को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि धरती पर हर इंसान के लिए चार से अधिक डिवाइस होंगी। इन डिवाइसेस में थिंग्स ऑफ इंटरनेट शामिल है, और इसकी उपस्थिति हमारी दुनिया को स्थायी रूप से बदल रही है।

IoT इंसानों की भौतिक दुनिया और डेटा की डिजिटल दुनिया के बीच का कनेक्शन है। कंप्यूटर, स्मार्टफोन, स्मार्टवाच, टैबलेट, मार्डन टीवी और पहनने योग्य गैजेट्स सभी IoT का हिस्सा है। हालांकि, रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे थर्मोस्टैट्स और स्मोक डिटेक्टर अब स्मार्ट हो रहे हैं, जो उन्हें IOT के रूप में स्थापित करता है।

हमारी संपूर्ण परिवहन व्यवस्था, जिस तरह से हम काम करते हैं, और यहां तक कि हम कैसे सोशलाइज होते हैं, यह IoT की वजह से बदल जाएगी।

कहां से आया आइडिया

यह आइडिया 1982 में कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के एक लैब में विकसित हुआ था। वहां के शोधार्थियों ने एक कोक मशीन को इंटरनेट से जोड़ा था। यह मशीन अपने भीतर रखे गए पेय पदार्थ की बोतलों की संख्या का हिसाब रख सकती थी और उनके तापमान को माप लेती थी। आज यह आइडिया काफी तेजी से बढ़ कर हमारी पूरी दुनिया को बदल रहा है।

माना जा रहा है कि साल 2020 तक ऐसे समझदार उपकरणों की संख्या 26 अरब होगी, जो खुद अपने को ऑपरेट कर सकेगी। तो तैयार हो जाइए क्योंकि इंटरनेट ऑफ थिंग्स हमारे जीवन में कई नए बदलाव लाने के लिए तैयार है। उदाहरण के लिए हो सकता है कि आपके फ्रिज में रखा कोई सामान जब खत्म होने वाला हो, तो वह खुद ही उसका ऑर्डर किसी स्टोर को दे दे। हो सकता है कि आपकी गाड़ी को देखकर सिक्युरिटी कैमरा आपके मकान के सिक्युरिटी सिस्टम इंफॉर्म करे और दरवाजा अपने आप खुल जाए।

हालांकि, कई चीजें IoT के विकास के लिए एक साथ मिलकर काम कर रही हैं, लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी के विस्तार से यह जल्द ही लगभग हर जगह हो जाएगी। उदाहरण के लिए साल 2018 में न्यूयॉर्क प्रत्येक राज्य में ब्रॉडबैंड सुविधा पहुंचाने वाला पहला राज्य बन जाएगा। यहां तक कि इसके ग्रामीण इलाकों में भी ब्रॉडबैंड की पहुंच होगी।

दूसरा कारण यह है कि मोबाइल तकनीक में तेजी से सुधार हो रहा है। रिमोट और मोबाइल डिवाइस का उपयोग अधिक व्यापक हो रहा है। इसका मतलब है कि कीमतें गिर रही हैं और सुविधाओं की लोगों तक पहुंच बढ़ रही है। भारत में भी जल्द नोकिया 5जी तकनीक ला रही है।

 

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