महाशक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्रे. नवरात्रे पार्वती,लक्ष्मी ,सरस्वती के नौ अलग अलग रूप होते है. जिनके स्वरूपों की उपासना निर्धारित की गयी है जिन्हे नौ दुर्गे की रूप में भी माना जाता है. नवरात्रि के पहले के तीन दिन पारवती के स्वरूपों की पूजा करते है फिर अगले तीन दिन लक्ष्मी माता रानी के तीन स्वरूपों की पूजा करते है और आखिर के तीन दिन सरस्वती माता के स्वरूपों की पूजा करते है. नवरात्रे पर लोग देवी की पूजा करते है और इन नौ दिनों में अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रथा बढ़ाने की कोशिश करते है. नवरात्रे एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इस प्रकार नो दिन में नवरात्रे बाटे गए है-
1. शैलपुत्री- देवी दुर्गा के नौ रूप होते हैं। दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री’ के नाम से जानी जाती हैं। ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं।
2. ब्रह्मचारिणी- नवरात्रे पर्व के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणीकी पूजा-अर्चना की जाती है.
3. चंद्रघंटामाँ- दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है।
4. कूष्माण्डा- नवरात्रे पूजन के चौथे दिन कूष्माण्डादेवी के स्वरूप की ही उपासना की जाती है।
5. स्कंदमाता- नवरात्रे का पाँचवाँ दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है।
6. कात्यायनी- कात्यायनी नवदुर्गा या हिंदू देवी पार्वती के नौ रूपों में छठवें रूप है!
7. कालरात्रि- माँ दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं
8. महागौरी- माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है।
9. सिद्धिदात्री- माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं.

नवरात्रे पे अकसर लोग नो दिन का व्रत रखते है या अपने अपने श्रध्दा आनुसार व्रत रखते है. व्रत का महतव ये होता है नवरात्रे व्रत रखकर अवरोधों को नष्ट करके, सफाई करके, विषहरण तथा आंतों, रक्त और कोशिकाओं को शुद्ध करके हम अपनी कई शारीरिक बीमारियों से छुटकारा पाते हैं तथा हमारी ऊर्जा शक्ति भी बढ़ती है.

नवरात्रे पे उपवास रखने से डाइजेशन और इक्स्क्रीशन की प्रॉसेस अच्छी होती है। साथ ही हार्ट की पंपिंग प्रॉसेस भी सुधरती है। नवरात्रे उपवास के दौरान पाचन तंत्र से जुड़े अंगों को आराम मिलता है। इससे जो ऊर्जा बचती है उसका उपयोग आत्म चिकित्सा और आत्म मरम्मत में होता है। नवरात्रे उपवास ना केवल अवरोधों को हटाकर शरीर को स्वयं स्वस्थ होने में मदद करता है, बल्कि यह कायाकल्प करने के साथ उम्र भी बढ़ाता है। अनुभवी आँखें न्यूज़ डेस्क 

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