अररिया(संवाददाता मनीष कुमार) – एनआईओ से डीएलएड उत्तीर्ण शिक्षक अब एकजुट हो गए हैं, प्रशिक्षू शिक्षक बिहार सरकार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। अररिया के आजाद एकेडमी प्रांगण में एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों की एक बैठक बुलाई गई, जिसमें सैकड़ों प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। भारत सरकार के द्वारा देश भर के 12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया था, MHRD के आदेश पर Nios ने दो साल के कोर्स को 18 महीने में पूरा कराया था, लेकिन बिहार सरकार की तरफ से 18 माह के डीएलएड कोर्स बता कर शिक्षक बहाली से बाहर कर दिया गया है। Nios से दो साल का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रशिक्षु को दिया गया है, लेकिन बिहार में 18 माह का प्रशिक्षण बता कर अगले शिक्षक नियोजन में मान्यता नहीं दिए जाने आक्रोशित हो गए हैं। Nios से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए बिहार सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया है। बैठक में सरकार के निर्णय को प्रशिक्षण के मान सम्मान के खिलाफ बताते हुए चरणबद्ध ढंग से आंदोलन करने की बात कही गई है। बिहार सरकार के तरफ से सीटेट की परीक्षा पास करने के बाद भी उन्हें शिक्षक के पद पर आवेदन करने से रोक दिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि Nios से प्रशिक्षित सरकारी शिक्षक के लिए यह डिग्री मान्य है लेकिन निजी विद्यालय के लिए यह मान्य है। बिहार सरकार18 माह के प्रशिक्षण को अधूरा प्रशिक्षण बताकर गुमराह कर रही है यदि प्रशिक्षण पूरा है तो इसके लिए दोषी भी बिहार सरकार है उसे 18 माह की जगह 24 माह का प्रशिक्षण करवाना चाहिए

एनआईओएस से प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षकों का कहना है कि सरकार हम अभ्यर्थियों के साथ दोहरी नीति अपना रही है, जबकि हमारी डिग्री भारत सरकार द्वारा एमएचआरडी मंत्रालय से के आदेश पर Nios से कराई गई है। क्योंकि 31 अगस्त 2019 से पहले तमाम सरकारी/ गैर सरकारी शिक्षकों को प्रशिक्षित कर देना था। इसी कारण एमएचआरडी के आदेश पर एनआईओएस ने स्पेशल कोर्स तैयार कर 18 महीने में प्रशिक्षण कंप्लीट करवाया, और परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों को 2 साल की वैधता वाली मार्कशीट भी दी है, जो पूरे देश में कहीं पर भी शिक्षक बहाली के लिए मान्य है, लेकिन बिहार सरकार हम अभ्यर्थियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, जिस वजह से हमें बिहार में बहाली से वंचित कर दिया गया है। हमारी डिग्री को 18 महीने का बताया जा रहा है जबकि हमारा एग्जाम 4 सेमेस्टर में हुआ है और 2 साल में एडमिशन ले कर कर पूरी कराई गई है। वक्त की कमी रहने के कारण 24 महीने के कोर्स को 18 महीने में कंप्लीट किया गया और 2 साल की मान्यता वाली डिग्री भी दी गई गई, इसके बावजूद बिहार सरकार हमारे साथ भेद भाव कर रही है, अगर हमें शिक्षक बहाली में शामिल नहीं किया गया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में नीतिश कुमार के खिलाफ आंदोलन करते हुए सत्ता से बाहर करने का काम करेंगे, ऐसी शिक्षा विरोधी सरकार हमें नहीं चाहिए। updated by gaurav gupta

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