नई दिल्ली: इन्फोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी वी बालाकृष्णन ने कहा है कि समुचित उत्तराधिकारी योजना की रूपरेखा तैयार करने तथा कंपनी का पेशेवर तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिये चेयरमैन नंदन नीलेकणि को 2-3 साल पद पर रहना चाहिए.
बालाकृष्णन इन्फोसिस टेक्नोलाजीज लि में कंपनी संचालन मानकों में गिरावट का आरोप लगाने वालों में मुख्य रहे हैं. उन्होंने अपनी मांग फिर से दोहरायी कि सह-अध्यक्ष से स्वतंत्र निदेशक बने रवि वेंकटेशन को निदेशक मंडल से हटना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘….वर्ष 2014 में जो हुआ, वह बड़ा प्रयोग था. इसमें संस्थापकों की जगह दूसरे सीईओ आये और पेशेवर निदेशक मंडलों ने कंपनी का प्रबंधन करना शुरू किया लेकिन बोर्ड का कामकाज सही नहीं रहा, अत: प्रयोग विफल रहा. इसीलिए अब प्रयोग विफल नहीं होना चाहिए.’’ बालाकृष्णन ने कहा कि निलेकणि को बेहतर चेयरमैन प्राप्त करने पर जोर देना चाहिए ताकि जब कभी वह भविष्य में कंपनी छोड़े तो यह सुनिश्चित हो कि बोर्ड सुरक्षित हाथ में हो.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगले दो-तीन साल उन्हें वहां बने रहना चाहिए क्योंकि उन्हें कई चीजें करनी है….निदेशक मंडल का फिर से गठन हो, सीईओ मिले, वह कुछ दिन संभाले और चेयरमैन पद के लिये उत्तराधिकारी योजना तैयार करे. इससे पहले का बोर्ड कमजोर था. वह बेहतर तरीके से चीजों को बताने में सक्षम नहीं था, बोर्ड ने काफी निराश किया.’’

उल्लेखनीय है कि संस्थापकों तथा प्रबंधन के बीच करीब एक साल से जारी कटुता के कारण कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का ने अचानक इस्तीफा दे दिया. उनके साथ चेयरमैन आर शेषशायी तथा दो अन्य बोर्ड सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया.

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