भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार जिस घर का वास्तु विन्यास सही होता हैं, वहां सदैव शांति और समृद्धि वास करती है. लेकिन हम जाने-अनजाने ऐसे कई काम करते हैं, जो हमारे घर की सकारात्मक ऊर्जा को दूषित कर कर देते हैं. आइए उन छोटी-छोटी बातों को जानें, जिनसे घर के शुभ वास्तु प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है और अशुभ प्रभाव को कम या समाप्त किया जा सकता है:

    • वास्तुशास्त्र के अनुसार फूल-पौधे लगाने से घर की सकारात्मक उर्जा में वृद्धि होती है. क्रीपर्स यानी लत्तर वाले पौधे प्रवेश द्वार के लिए उपयुक्त माने गए हैं. इसे आप बाहरी बालकनी में भी लगा सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि इनकी लत्तरें कंपाउंड की दीवार से अधिक ऊंची न हो.

 

    • जिन पौधों की टहनियों को तोड़ने पर सफेद द्रव (दूधिया स्राव) निकलता है, वैसे पौधे घर की आंगन में न लगाएं. यह घर के सदस्यों को स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं माना गया है.

 

    • घर के भीतर कहीं भी कैक्टस और अन्य कांटेदार पौधे न लगाएं. गुलाब इसका अपवाद है, यह घर में लगाया जा सकता है. कैक्टस को प्रगति में बाधक और हानिकारक माना गया है.

 

    • घर के बैठक घर में बांस का पौधा लगाएं. इस पौधे को पूर्वी कोने में रखें.

 

    • घर में रखी चाकू, कैंची, झाड़ू और डस्टबीन पर ध्यान दें कि ये कहां रखी हुई हैं. झाड़ू को किसी ऐसे कोने में रखें, जो एकदम दिखाई ना दें.

 

    • किचन के सिंक में ज्यादा समय के लिए जूठे और गंदे बर्तन न रखें. घर के कूड़ेदान (डस्टबीन) में ज्यादा कचरा इकठ्ठा ना होने दें. यह नकारात्मक ऊर्जा विकसित करता है.

 

    • कैंची, चाकू जैसे नुकीले औजार आदि इस प्रकार न रखें कि उनका नुकीला हिस्सा बाहर की ओर हो.

 

    • घर में कभी भी बंद घड़ी ना लगाएं. जो घड़ी चल नहीं रही हो, उसे घर में नहीं रखें.

 

    • यदि घर की पूर्व दिशा वाले कमरे में खिड़की हो, तो हर रोज कम-से-कम आधे घंटे के लिए उसे जरूर खोलें.

 

  • बेडरूम में पौधों के गमले नहीं रखने चाहिए, लेकिन बीमार व्यक्ति के कमरे में ताजे फूल रखने से लाभ होता है. परन्तु, उन फूलों को रात को कमरे से हटा देना चाहिए.
loading...