पत्नी की मौत के बाद अपने तीन बच्चों व वृद्ध मां का भरण पोषण हेतु दरदर ठोकर खा रहा है टोला सेवक

विद्यालय की प्रधानाध्यापिका द्वारा विभिन्न मद की राशि के गबन हेतु आयोजित ग्रामीणों की पंचायत के पंचनामा में एचएम द्वारा गबन का स्वयं बनाया एकरारनामा।

सहरसा से राज आर्यन की रिपोर्ट – 

सहरसा- जिले के सोनवर्षाराज प्रखण्ड क्षेत्र के रघुनाथपुर पंचायत के एनपीएस जमुनिया में 10 वर्षों तक टोला सेवक के पद पर कार्य करने बाद एक साल पूर्व ही विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रियंका सिन्हा ने टोला सेवक शंभू श्रषिदेव को उसके पद से इस लिए हटा दिया क्योंकि उसने छात्र छात्राओं के विभिन्न मदों की राशि के गबन किएं जाने की जानकारी ग्रामीणों को दे दिया था।

टोला सेवक शंभु ऋषिदेब निहायत गरीब महादलित परिवार से है।नौकरी से निकालें जाने के साथ ही बीते वर्ष उनकी पत्नी का भी निधन हो गया।ऐसे में तीन छोटे छोटे बच्चे और बुढ़ी बीमार मां के भरणपोषण के लिए उसे दरदर भटकना पड़ रहा है।
बुधवार को करीब 2 बजे जब इस सम्बंध में एचएम से उनका पक्ष जानने विद्यालय पहुँचने पर विद्यालय प्रांगण में करीब 20 से 25 बच्चे बाहर खेल रहे थे।तस्वीर लेने पर विद्यालय प्रधान समेत दो शिक्षक तल्ख़ तेवर में बात करते हुए बिना अनुमति के फोटो नही खींचने की बात कहने लगा और उनलोगों द्वारा संवाददाता का भी वीडियो बनाया जाने लगा।जबकि सम्बंधित पंचायत के पंचनामा के बारे में पूछे जाने पर प्रधानाध्यापिका कुमारी प्रियंका ने खुद को मामले से अंजान बताते हुए कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।

क्या है मामला-

प्रखण्ड क्षेत्र स्थित एनपीएस जमुनिया के विद्यालय प्रधान द्वारा छात्रवृति व पोशाक मद की लाखों की राशि के गबन करनें की जानकारी टोला सेवक को तब मिली जब प्रियंका सिन्हा द्वारा टोला सेवक व उसके पिता के बैंक खाते में लगातार पैसे भेजकर उससे निकासी करवा कर स्वयं ले लेती थी।टोला सेवक शंभू ऋषिदेव ने ये जानकारी गाँव वाले को दे दिया।इसी बात पर 12 दिसंबर 2019 को ग्रामीणों की एक पंचायत बैठाई गई थी।जिसमें बनाए गए पंचनामा में विद्यालय की एचएम कुमारी प्रियंका ने गबन के सारे आरोपों को स्वीकार करते हुए विद्यालय के सचिव, अध्यक्ष,उपमुखिया समैत सैकड़ों ग्रामीणों के साथ स्वयं भी अपना हस्ताक्षर किया था।
टोला सेवक ने बताया कि मामले को दबानें के लिए गांव के नवनिर्मित मंदिर में ढाई लाख रुपये बकायदा जुर्माने तौर पर नगद दान देकर मामले को रफादफा कर दिया गया।टोला सेवक से अवैध तरीके से विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था के गिरते स्तर,एमडीएम में अनियमितता,विभिन्न मदों के लाखों रुपये गबन मामले की जानकारी मिलने पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा तत्कालिक वर्ष में तीन दिनों तक विद्यालय में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया गया था।जिसमें ग्रामीणों के द्वारा भी प्रधानाध्यापिका को हटाने की मांग भी की गई थी।जब स्थानीय ग्रामीणों द्वारा विद्यालय में लगाये गए ताला खोलवाने की स्थानीय प्रशासनिक खानापूर्ति व्यर्थ हो गई तो विद्यालय की प्रधान कुमारी प्रियंका ने विद्यालय का ताला खुलवाने के लिए ग्रामीणों व अभिभावकों के घर-घर जा कर लोगों से आरजू विनती कर विद्यालय में 10 वर्षों से किये गए वित्तीय गबन की अपनी गलती मानते हुए जुर्माना के तौर पर ढाई लाख रूपये गांव के मंदिर निर्माण में चंदा स्वरूप दान देकर  ग्रामीणों को मनाया गया।जुर्माने की रकम को मंदिर निर्माण के चंदा के तौर पर देकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया।इस तरह शिक्षा के मंदिर के राशि का गबन कर उसका पैसा धर्म के मंदिर में देकर प्रधानाध्यापिका ने अपने गबन के पापों से मुक्ति पा लिया।लेकिन उसके बाद टोला सेवक शंभु ऋषिदेव को शिक्षा विभाग के राशि के गबन की गई राशि का राज ग्रामीणों के समक्ष खोले जाने की सज़ा मिल गई ।उपरोक्त बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी जयशंकर प्रसाद ठाकुर ने बताया कि मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है साक्षरता से जानकारी लेने के उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

updated by gaurav gupta 

 

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