पटना – एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल के अध्यक्ष डॉ सी बी सिंह ने प्राइवेट स्कूलों के अभिभावकों से आह्वान किया है कि वे अपने बच्चों के जीवन-निर्माता शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं अन्य कर्मियों के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आगे आएं और मासिक शुल्क जमा करके उनकी अनमोल सेवाओं का समर्थन करें।

ज्ञातव्य है कि सम्पूर्ण विश्व कोविड 19 के प्रकोप के कारण क्षत-विक्षत स्थिति में है। समाज के प्रत्येक वर्ग को घोर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और स्वाभाविक रूप से स्कूली बच्चों के अभिभावक भी इससे अछूते नहीं है। उन्हें भी फ़ी भुगतान करने में विकट समस्या आ रही है।

एसोसिएशन को इस बात की जानकारी हुई है कि कुछ बड़े विद्यालयों ने मार्च के वेतन का अप्रैल में भुगतान शत-प्रतिशत कर दिया है किन्तु मँझोले और छोटे विद्यालयों के साथ साथ भारी ऋण से दबे कुछ स्कूलों ने या तो आंशिक भुगतान किया है या अभी तक कर पाने में समर्थ नहीं हो सके हैं। ऐसी स्थिति में सम्बद्ध शिक्षकों में हीन भावना के जन्म लेने की संभावना है।

निश्चित रूप से अभिभावक गण ऐसा बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि उनके बच्चे ऐसे शिक्षकों से पढ़ें जिनमें अपने पेशे के प्रति आत्म-सम्मान की प्रबल भावना न हो।

कोरोना तो चला जाएगा लेकिन अगर राष्ट्र-निर्माताओं के आत्म-सम्मान पर चोट हुई तो उसे वापस आने में सालों लग जाएंगे।

 

ऐसी स्थिति में एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल्स, पटना का स्पष्ट मानना है कि अभिभावक कष्ट उठाकर भी फ़ी का भुगतान करने का यत्न करें। यह निवेदन उन अभिभावकों से है जो ऐसा कर पाने में सक्षम हैं। जो भुगतान कर पाने की स्थिति में बिल्कुल नहीं हैं, वे अतिरिक्त समय पाने के अधिकारी हैं।

 

हम अभिभावकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि विद्यालय निर्धारित पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से पूरा करेंगे, चाहे हमें विद्यालय की दैनिक अवधि बढ़ानी पड़े, छुटियां रद्द करनी पढ़ें या रविवारों को भी कक्षाएं आयोजित करनी पड़ें। हम ऑनलाइन कक्षाओं के द्वारा संभावित क्षतिपूर्ति कर रहे हैं और तमाम मुश्किलों के बावज़ूद प्रतिवर्ष की तरह लगभग 200 दिन विद्यालय खोलने की पूरी चेष्टा करेंगे।

एसोसिएशन के महामंत्री डॉ राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि हम जिलाधिकारी, पटना के मासिक भुगतान की सुविधा का समर्थन करते हैं और हमारे सभी विद्यालय इसके लिए प्रस्तुत हैं। कोई भी विद्यालय किसी प्रकार के विलम्ब शुल्क की माँग भी नहीं करेगा।

उन्होंने बताया कि प्राइवेट स्कूलों के निर्माण एवं संचालन में अभिभावकों की एक विशिष्ट भूमिका रही है और इस संकट की घड़ी में विद्यालय प्रबंधन तथा अभिभावकों को साथ आकर इस कोरोना युद्ध से उपजी जटिलताओं पर विजय पाना है। updated by gaurav gupta

 

 

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