मानव कल्याण की दिशा में इस्कॉन द्वारका का प्रशंसनीय प्रयास

—मंदिर प्रांगण में दो दिवसीय ‘न्यू ईयर कार्निवाल’ का आयोजन
—फूड स्टॉल और बच्चों के लिए रंगारंग कार्यक्रम
—1 जनवरी को ग्रैमी अवार्ड नॉमिनी गौर मणि माताजी का संकीर्तन

क्रिसमस और न्यू ईयर पर जहां चारों ओर खुशियों का माहौल है, पार्टियों का जश्न है, वहीं तिहाड़ के कैदी भी अपनी निराशाओं से परे कुछ पल की खुशियाँ सँजोने में जुटे हैं। गीता मैराथन और नव वर्ष के अवसर पर इस्कॉन द्वारका दिल्ली ने मानव कल्याण की दिशा में यह कदम उठाया है।
भगवद्गीता के वितरण के माध्यम से उनकी संकुचित सोच में बदलाव लाने में दिशा में प्रयास किया गया किया है कि यह मात्र भगवान कृष्ण के उपदेश नहीं, बल्कि अपने जीवन को चलाने और सुधारने का ‘लाइफ मैनुअल’ है। व्यक्ति के जीवन में परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, सकारात्मक सोच के माध्यम से उनसे उबरा जा सकता है। आत्मसुधार की दिशा में कैदियों ने यह संकल्प लिया कि वे इस नए साल में अपने जीवन को सुधारने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर उनके साथ केक कटिंग सेलिब्रेशन भी मनाया गया।
न्यू ईयर की इसी श्रृंखला में मंदिर प्रांगण में 31 दिसंबर व 1 जनवरी को दो दिवसीय ‘न्यू ईयर कार्निवाल’ का आयोजन किया जा रहा है। यूँ तो सनातन धर्म के लोगों का नव वर्ष *चैत्र पूर्णिमा या गौर पूर्णिमा* से आरंभ होता है और 1 जनवरी का नया साल – *यह तो विदेशी न्यू ईयर है पर चूँकि पूरा विश्व इसे मनाता है तो इस दिन भी हम भगवान को याद कर सकते हैं* | *इसी उम्मीद में हम पिछले साल 2022 में जो मिला, जितना मिला, जैसा मिला, उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं और बीते वर्ष को ‘बॉय-बॉय’ कहते हुए नई आशाओं के साथ नए वर्ष 2023 की शुरुआत करते हैं|*

इस दो दिवसीय ‘न्यू ईयर कार्निवाल’ में आप आनंद बाजार फूड स्टॉल में नए-नए व्यंजनों के स्वाद के साथ वर्ष 2023 के लिए कुछ नए संकल्प भी ले सकते हैं, जिन्हें पूरा करने में रूटीन लाइफ से हटकर हर दिनआपको ताज़गी का अहसास हो।
कार्निवाल के आयोजक व मंदिर के वरिष्ठ प्रबंधक कहते हैं कि यूँ तो हर दिन नया है, ताज़गी से भरा है क्योंकि हर दिन हमें भगवान से नई ऊर्जा मिलती है, प्रेरणा मिलती है, आत्मशक्ति को पहचानने की और कर्म करने की। पर फिर भी सब नए साल की परंपरा को मनाते हैं, उत्साहित होते हैं, संकल्प लेते हैं कि जिन उद्देश्यों को हम पिछले साल पूरा नहीं कर पाए, इस साल उन्हें पाने का प्रयास करेंगे। जैसे कुछ लोग साल में एक बार मंदिर आते हैं, वे हर महीने भगवान का दर्शन करने का संकल्प ले सकते हैं। जो हर महीने आते हैं तो कोई जन्मदिवस पर, वे प्रतिदिन आने का संकल्प ले सकते हैं। इस तरह हम बच्चों को भी छोटे-छोटे संकल्प लेने की ओर प्रेरित कर सकते हैं। यहाँ बने सेल्फी प्वाइंट पर संकल्प लेते हुए बच्चे सेल्फी भी ले सकते हैं ताकि उन्हें अपने संकल्प याद रहें और उन्हें पूरा करने में मदद भी मिल सके।
न्यू ईयर कार्निवाल में ऊर्जा, उमंग और उत्साह के इस माहौल में 1 जनवरी की शाम को अमेरिका से विशेष तौर से पधारीं, ग्रैमी अवार्ड के लिए नामांकित गौर मणि माताजी का हरि नाम संकीर्तन भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेगा। भक्तिरस का आनंद लेने के लिए भक्तगण उनके साथ सुर से सुर मिलाना पसंद करते हैं और प्रत्यक्ष रूप से लगातार कई घंटों तक उन्हें सुनने का अवसर मिल जाएँ तो नए साल की रौनक और भी बढ़ जाती है। इस तरह अनेक सुखद अनुभूतियों के साथ आप नए साल का स्वागत कर सकते हैं और इसे यादगार वर्ष बना सकते हैं।
updated by gaurav gupta 

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