लंदन: विवादों में रहना इंग्लैंड टीम के दिग्‍गज ओपनर रहे ज्योफ्री बायकॉट की आदत है. इंग्‍लैंड के इस दिग्‍गज बल्‍लेबाज ने आज अपनी उस टिप्पणी के लिये माफी मांगी जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें नाइटहुड हासिल करने के लिए ‘अपने चेहरे पर कालिख पोतनी’होगी. गौरतलब है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले सप्ताह पहले टेस्ट मैच में इंटरवल के दौरान 76 वर्षीय बायकॉट ने एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की थी. जब दक्षिण अफ्रीका की रंगभेद नीति के कारण उसके साथ सभी देशों ने अपने रिश्ते समाप्त कर दिए थे तब 1982 में इंग्लैंड के बागी खिलाड़ियों का दक्षिण अफ्रीकी दौरा कराने में बायकॉट ने अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों में नाइटहुड ‘रेवड़ी’ की तरह बांटी जा रही है.

‘द डेली मिरर’ ने इस कार्यक्रम में शामिल एक मेहमान के हवाले से बताया कि तब बायकॉट ने कहा था, ‘मुझे दो बार नकार दिया गया. बेहतर है कि अपने मुंह पर कालिख पोत दूं.’ हालांकि बायकॉट ने मंगलवार को ट्विटर का सहारा लेकर इस बयान के लिये माफी मांगी.

उन्होंने कहा, ‘एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान मुझसे इस बारे में सवाल किया गया और मुझे लगता है कि मेरा जवाब अस्वीकार्य था. मेरे मन में किसी के प्रति द्वेष नहीं था लेकिन मैंने जो कुछ भी कहा वह पूरी तरह से गलत था और मैं उसके लिये माफी मांगता हूं.’

बायकॉट ने कहा, ‘मैं वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों को चाहता हूं और उसके खिलाड़ियों के लिये मेरे दिल में बहुत सम्मान है.’ मेरा इरादा उन्‍हें नीचा दिखाने का नहीं था.

गौरतलब है कि वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर जैसे विव रिचर्ड्स, गारफील्ड सोबर्स और कर्टली एंब्रोस को नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है जबकि इयान बाथम यह सम्मान पाने वाले इंग्लैंड के आखिरी क्रिकेटर थे. उन्हें 2007 में यह सम्मान मिला था.

loading...