बनमनखी (पूर्णिया) -पैदल पुल की है जरूरत, समय बीत गई लेकिन यात्री के लिए समस्या का समाधान कुछ नहीं जी हा आप को बतादे 20142015 से रेल सेवा पूर्णतया बनमनखी सहरसा शुरु किया गया,लेकिन आज तक यात्री को कोई सुविधा नहीं मिला,लंबी दूरी की ट्रेन दी गई दिल्ली जाने के लिए हमसफर परन्तु यात्री को देखने योग रह गई ,प्लेटफार्म पर यात्री को पीने के लिए स्वच्छ पानी भी नही,बनमनखी जक्शन पर फुट-ओवर ब्रिज़ नही रहने से रेल यात्री की हादसा की आंशका बनी रहती है ,बनमनखी रेलवे स्टेशन पर उस समय अफरा तफरी मच जाती हैं जब पैसेंजर ट्रेन के स्टेशन पे आने से दूसरी तरफ माल गाड़ी एक-दो दिन तक लगी रहने से यात्री अपनी जान

जोखिम में डालकर ट्रैन के नीचे झुक कर पार करते है। खासकर महिला और बूढ़े को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ता है,जानकारी के मुताबिक दुर्घटना में एक बुजुर्ग महिला की जान भी जा चुकी है।बनमनखी स्टेशन बनमनखी नगर क्षेत्र को उत्तर और दक्षिण दो भागों में बाटता। बड़ी लाइन बन जाने से आना जाना एक तरफ तरफ से दूसरे तरफ जाना मुश्किल हो गया है ।स्थानीय जानकार लोग का कहना है कि इस आम जन हेतु पैदल पुल के निर्माण के बनमनखी उत्तरी ओर दक्षिण क्षेत्रों को जोड़ने हेतु रेलवे के ऊपर पैदल पुल आम जन हेतु का निर्माण बहुत जरूरी है।
इसके लिये कई बार स्थानीय लोगो द्वारा पत्राचार भी किया गया ।विभिन्न सगठनों द्वारा जिला पदाधिकारी ,अनुमंडल पदाधिकारी ,नगर प्रसाशन ,स्थानीय सांसद ,स्थानीय विद्यायक सब को ज्ञापन दिया गया है सब को संज्ञान है ,की यहाँ पुल की कितनी आवश्यकता है,।कईं बार विभिन्न समाचार माध्यम में आया है ,स्थानीय लोगो द्वारा सोशल मीडिया में हमेसा सुर्खियों में रहता है।परन्तु कोई पहल नजर नही आ रही है। जबकि आम जन हेतु पुल जिस हो कर आवागमन करने हेतु टिकिट लेने की आवश्यकता नही होती ऐसा दो पुल समस्तीपुर स्टेशन के दोनों और है ,कटिहार स्टेशन पे भी बना हुआ है। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि रेलवे पटरी पार करने की मजबूरी को किसी बड़ी दुर्घटना में बदलने के इंतजार में है शायद ताकि उनको उनको कुछ तस्वीर खिंचवाने के कुछ बयान देने का मौका मिले कुछ सुर्खिया मिले ,तब जा के कुछ होने की उम्मीद बने, रेल अधिकारियों की नींद कब खुलेगी कब होगा बनमनखी रेलवे स्टेशन का कायापलट। रिपोर्ट – गौरव गुप्ता, विशाल कुमार

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