रूठी क्यों बैठी है दीदी , अब मुझसे तो बात कर
हो गई गलती मुझसे, अब तो मुझको को माफ कर
बिन तुझसे बात किए ना गुजरेगा मेरा ये पल
आज पास है बात तू करले छोड़ चली जायेगी कल
आज पर्व है भाई दूज का स्वर्ग से सुन्दर है ये पल ,
मुझे भी कर दे भाई दूज पर पैसा दे दूँगा मैं कल
इतना तो मैं तुम्हे हँसाया अब तो मुझको माफ़ कर
रूठी क्यों बैठी है दीदी , अब मुझसे तो बात कर
अब भी गर तू न बोली तो मैं भी रूठ जाउँगा
एक बार मुस्का दे, वरना मैं रोने लग जाउँगा
छोड़ चला जाउँगा जब मै वापस कभी ना आउँगा ।ः
ःउज्जवल कुमार झा

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