दिल्ली :उप्र की 10 राज्यसभा सीटों के लिए बीजेपी ने 9 उम्मीदवार उतारे मजे की बात है की सभी जीत दर्ज करने में सफल रहे. गौरतलब है की बीजेपी के राज्यसभा सदस्यों में ब्राह्मण, दलित, वैश्य, ओबीसी और किसान सभी चेहरे शामिल हैं. चर्चा है की पार्टी के लिए नौंवे उम्मीदवार को जिताने के लिए काफी
मेहनत करनी पड़ी. बीजेपी की रणनीति के आगे सपा-बसपा सहित विपक्ष की रणनीति काम नहीं आ सकी. जानिए उच्चसदन पहुंचने वाले बीजेपी के ये नौ रत्न कौन हैं…

दस राज्यसभा सीटों में बीजेपी के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, डॉ. अनिल जैन, अशोक वाजपेयी, कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, डॉ. हरनाथ सिंह यादव, सकलदीप राजभर और जीवीएल नरसिम्हा के साथ 9वें उम्मीदवार के तौर पर अनिल अग्रवाल ने जीत का परचम लहराया है .

कौन है कांता कर्दम जानिए

बीजेपी से राज्यसभा पहुंचने वाली कांता कर्दम दलित समुदाय से आती हैं. कर्दम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ से हैं.सूत्रों के मुताबिक पता चला हे की बीजेपी की महिला मोर्चा की सचिव और उपाध्यक्ष भी रही हैं और संघ के संगठन सेवा भारती में कार्य कर चुकी हैं. पश्चिम यूपी बीएसपी का एक मजबूत गढ़ माना गया है. कर्दम बीएसपी सुप्रीमो मायावती के जाटव समुदाय से हैं.और सुप्रीमो मायावती को बीजेपी ने मेरठ के हुए नगर निगम के चुनाव में भी उतारा था, पर नतीजा ये हुआ की बीएसपी को उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा और . इसके अलावा हस्तिनापुर में भी विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, पर वहां भी वो नहीं जीत सकीं.

सहारनपुर: में दलितो और राजपूतों के बीच जातीय हिंसा बीजेपी के लिए अब चिंता का सबब बन चुकी है. ऐसे में सूत्रों के मुताबिक पता चला की बीजेपी ने कांता कर्दम को राज्यसभा भेजने का कदम उठाया गया हे ,जो किउस माहौल को उमके पक्ष में करने में मददगार साबित होगा

अशोक बाजपेयी

बीजेपी और राज्यसभा से पहुंचने वाले दूसरे शख्सः डॉ. अशोक वाजपेयी हैं. वह इंसान सूबे की सियासत के बादशाह माने जाने वाले 12 फीसदी वाले ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. वाजपेयी सपा के दिग्गज नेता रह चुके हैं. पिछले साल सूबे की सत्ता राजपूत समुदाय से समन्ध रखने वाले योगी आदित्यनाथ को सौंपने के बाद पार्टी लगातार बराबरी करने की कवायद कर रही है. और इसी वजह के चलते पार्टी ने और कई ब्राह्मणों को उच्तर आगे बढ़ाने का काम किया गया है.

और बताना चाहेंगे की अशोक वाजपेयी जी सपा से बीजेपी में कदम बढ़या हैं. उन्होंने बीजेपी को ज्वाइन करते समय up की MLC सीट को इस्तीफा दे चुके थे .और इसी के इनाम के रूप में अब उन्हें राज्यसभा का तोहफा दे दिया गया है. वाजपेयी 1977 और 1985 में हरदोई में पीहानी से जनता पार्टी के विधायक चुने गए. और जब 1989 में जनता दल से विधायक बने तो इसके बाद उन्होने 1993, 1996 और 2002 में भी सपा के विधायक बने रहे.

हरनाथ सिंह यादव

बीजेपी ने सपा के मूल वोटबैंक यादव समुदाय को भी पाले में लाने की कवायद के तहत हरनाथ सिंह यादव को राज्यसभा भेजा है. वो मुलायम के मजबूत गढ़ इटावा मैनपुरी क्षेत्र से आते हैं और पूर्व सीएम कल्याण सिंह के करीबी माने जाते हैं. संघ के जिला प्रचारक रह चुके हैं. 1996 और 2002 में एमएलसी थे. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें यादव बहुल मैनपुरी के प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी दी थी. इसी का ईनाम उन्हें राज्यसभा के तौर पर मिला है.

विजय पाल सिंह तोमर

बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में राजपूत और किसान के मतों को ध्यान में रखते हुए विजय पाल सिंह तोमर को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया गया है.विजय पल सिंह तोमर किसानो के
नेता चौधरी चरण सिंह के साथ किसानों के लिए काम करते रहे थे. और वह 1991 में जनता दल से मेरठ की सरधना सीटों से विधायक बने रहे और फिर बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. मौजूदा समय में मन गया हे की मेरठ के बीजेपी जिला अध्यक्ष भी हैं. और संगीत सोम के धुरविरोधी नेता के तौर पर जाने जाते हैं. किसान नेता के तौर पर पश्चिम यूपी में पार्टी उन्हें अब आगे बढ़ा के मद्देनजर उच्चसदन भेज रही है.

सकलदीप राजभर

बीजेपी ने पश्चिमी यूपी के और पूर्वांचल को भी साथ में राज्यसभा चुनाव के जरिए साधने की कोशिश की है. इसी के तहत सकलदीप राजभर को उच्चसदन भेजने का फैसला किया है. सकलदीप राजभर को ओम प्रकाश राजभर के विकल्प के तौर पर माना जाता है. पूर्वांचल में राजभर मतदाताओं की गिनती काफी अच्छी खासी है. और सकलदीप जी बलिया से आते हैं और उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी के सदस्य भी रह चुके हैं.

अरुण जेटली

अरुण जेटली जी बीजेपी के दिग्गज नेताओं में गिने जाने जाते हैं.और इतना ही नहीं मोदी सरकार के मजबूत स्तंभ भी माने जाते हैं.बताना चाहेंगे की अरुण जेटली केंद्रीय वित्त मंत्री है. अरुण जेटली के बारे में बताये तो अरुण जेटली दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े और 1974 में स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष भी बने हे . इमरजेंसी (1975-1977) के दौरान जेटली को मीसा के तहत एक साल सात महीने जेल में भी बिताना पड़ा. राज नारायण जी और जयप्रकाश नारायण जी द्वारा चलाये गए भ्रष्टाचार विरोधी जनांदोलन में भी वो प्रमुख नेताओं में भी जाने जाते थे. जय प्रकाश नारायण ने उन्हें राष्ट्रीय छात्र और युवा संगठन समिति का संयोजक नियुक्त किया. और तो और मोदी सरकार से पहले अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं.

डॉ. अनिल जैन

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में पहुंचने वाले में डॉ. अनिल जैन का भी नाम इसमे सम्मलित है जोकि . बीजेपी के कोटे से वो राज्यसभा पहुंचे हैं. और वह जैन पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं. वो मध्य प्रदेश से आते हैं. पार्टी आलाकमान अमित शाह के बहुत ही करीबी माने जाते हैं. और इसी साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी है. ऐसे में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा
में भेजकर एमपी में सियासी फायदा उठाने की कोशिश की गई हे .

जीवीएल नरसिम्हा

बीजेपी के कोटे से राज्यसभा पहुंचने वालों में जीवीएल नरसिम्हा का नाम भी शामिल है. राव जो की बीजेपी के प्रवक्ता हैं.वह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में पार्टी की बात को बहुत अच्छे तरीके से उनका ध्यान रखा जाता हैं. और इतना ही नहीं बल्कि वह दक्षिण भारत से आते हैं. और पिछले काफी समय से पार्टी के प्रवक्ता की होने की जम्मेदारी को बहुत ही अच्छी तरह से निभा रहे हैं.

अनिल अग्रवाल

बीजेपी ने नोवे उम्मीदवार के रूप में अनिल अग्रवाल को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया गया है. बीजेपी ने अपने मूल वोटबैंक वैश्य समुदाय को ध्यान में रखते हुए अग्रवाल को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया गया था. और सूत्रों के हिसाब से पता चला हे की अग्रवाल का पश्चिम उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज भी हैं. अनुभवी आँखें न्यूज़

loading...