मोदी सरकार की विभाजकारी नीतियों से लोकतंत्र भाईचारा खतरे में-
जहानाबाद/बिहार(संवाददाता अनिल कुमार गुप्ता) – कामरेड रामजतन शर्मा के प्रथम स्मृति दिवस पर ॐ विवाह भवन में देश की राजनीति स्थिति -चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कामरेड रामजतन शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर संगोष्ठी में विचार विमर्श शुरू किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता का वसी अहमद ने किया। संगोष्ठी में डा.परवेज, माले राज्य स्थाई समिति सदस्य, कामरेड महानन्द प्रसाद, विधायक अरवल, का रामबली सिंह यादव, विधायक घोषी, कामरेड रामाधार सिंह, राज्य सचिव किसान महासभा, कामरेड कमलेश शर्मा, राज्य संयोजक एआइपीएफ, सीपीएम जिला सचिव कामरेड रामप्रसाद पासवान, कामरेड दिनेश प्रसाद, समाजसेवी श्री राजकिशोर शर्मा, उदय कुमार, जिला सचिव अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, श्रीनिवास शर्मा, आफताब आलम क़ादरी, डा रजी अहमद, अरुण बिंद, कुन्ती देवी, सौखिन यादव, सत्येंद्र रविदास आदि ने संबोधित किया।
डाक्टर कुमार परवेज ने कहा कि संघ की मोदी सरकार 8 साल में देश के लोकतांत्रिक तान बाना का सर्वनाश कर दिया है। जिस तरह अंग्रेजों ने गुलामी कायम रखने के लिए 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदू मुसलमानों के बीच विराट एकता और तीखे तेवर को देखकर सबसे पहले इतिहास को रद्दोबदल करने का काम किया था ।हिंदू मुस्लिम जनता की एकता को दुश्मनी में बदलने के लिए अंग्रेजों समेत यूरोपियन शासकों ने तथ्यहीन,भ्रामक,अतिरंजित इतिहास गढ़ा ताकि लंबे समय तक भारत को गुलाम बनाकर राज किया जा सके। अंग्रेजों ने ही हिंदू और मुसलमानों के सदियों पुराने बंधुत्व, भाईचारा और एकजुटता से डरकर धार्मिक भावनाओं को भड़का कर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने, धार्मिक विद्वेष पैदा कर सांप्रदायिकता की नीव अंग्रेजों ने हमें गुलाम बनाने के लिए डाला था। आज मोदी सरकार अंग्रेजों के नक्शे -कदम पर चल कर इतिहास के साथ एक बार फिर से भारी अन्याय कर रही है । धार्मिक भावनाओं को भड़का कर दंगा फसाद की खेती की जा रही है। मोदी राज में देश कंगाल होते जा रहा है। बेरोजगारी ,महंगाई चरम पर है। गरीबों का राशन काटा जा रहा है। किसानों की खेती घाटे का धंधा हो गया है और मजदूरों को अधिकार विहीन बनाकर मालिकों की दया-मर्जी पर छोड़ दिया गया है। साथ ही अल्पसंख्यकों और दलितों को डरा धमका कर दोयम दर्जे की नागरिक बनाने का खुला खेल चल रहा है ।
देश की साझी संस्कृति से खिलवाड़ करने वाली मोदी सरकार के भगवा राज थोपने की मंसूबा पूरा नहीं होने वाली है। देश की जनता भाजपा के चरित्र को जानती-समझती है। हिंदू मुसलमान समेत विभिन्न धार्मिक संप्रदायों की आपसी एकता ही भारत की प्राणवायु है। किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन हो या एनआरसी का आंदोलन, रोजगार के सवाल पर हाल के दिनों में छात्र नौजवानों ने मोदी सरकार को चेतावनी दिया है। मजदूरों के भी बड़े-बड़े आंदोलन हो रहे हैं। आम आवाम परेशान है। देश बड़े आंदोलन के मुहाने पर खड़ा है। व्यापक जनवादी- लोकतांत्रिक एकता बनाकर फासीवादी मोदी सरकार से आर-पार की लड़ाई समय की मांग है।
updated by gaurav gupta