नई दिल्ली: गुड़गांव में रेप का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. जिला अदालत ने सरकारी बैंक के एक नेत्रहीन ट्रेनी अधिकारी को ऐसी महिला के साथ रेप का दोषी करार दिया है जो खुद भी देख नहीं पाती है. अदालत में इस मामले में 24 जुलाई को सजा का ऐलान करेगी.  मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 33 साल की यह पीड़ित महिला एक विधवा है और इसको एक 8 साल की बेटी भी है. पीड़ित ने अदालत में आवाज की पहचान कर दोषी सौरभ कपूर (28) की पहचान की है.  जज रजनी यादव ने कॉल डिटेल, मेडिकल साक्ष्य,  फोरिंसक रिपोर्ट, गवाहों के बयानों के आधार पर सौरभ कपूर को दोषी पाया है.

पीड़ित और दोषी दोनों नेत्रहीन
यह अपने आप में पहला मामला हो सकता है जहां पर पीड़ित और दोषी दोनों ही नेत्रहीन हैं. पीड़िता दिल्ली की रहनी वाली है. उसने बताया कि 2005 में उसकी शादी हुई थी और 2014 में उसके पति की मौत हो गई.  उसे पति की मौत के मामले में एक वकील की तलाश थी. उसके एक दोस्त ने सौरभ कपूर से मुलाकात करवाई थी और बताया कि यह शख्स वकील से मिलवा देगा.

वकील से मिलवाने के बहाने किया रेप
पीड़िता ने बताया कि सौरभ 30 मई 2015 को एक वकील से मिलवाने के बहाने गुड़गांव के एक गेस्ट हाउस में ले गया. जहां उसने रेप किया. पीड़िता ने बताया कि जब वह खुद को बचाने के लिए चिल्ला रही थी तो सौरभ ने उसको शांत रहने के लिए कहा और शादी करने का वादा किया. इसके बाद सौरभ शादी का झांसा देकर 5 महीने तक उसका शोषण करता रहा. इस बीच उससे पैसे भी खूब ऐंठे. कुछ दिनों बाद उसने शादी करने से इनकार दिया.
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सौरभ के परिवार से भी लगाई थी गुहार
पीड़िता ने बताया कि सौरभ के बदले रुख को देख उसने उसके परिवार से भी गुहार लगाई. लेकिन किसी ने भी उसकी आपबीती नहीं सुनी. कोई रास्ता न देख फिर पीड़िता दिल्ली नेत्रहीन संघ के नेता से मुलाकात की जिन्होंने उसकी मुलाकात फातिमा कबीर से करवाई और उनकी मदद से पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया.

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