*भाई के फर्दबयान बार प्राथिमिकी,प्राथिमिकी पर उठने लगे सवाल।*

सहरसा- सोनबरसा राज प्रखण्ड अंतर्गत बसनही थाना क्षेत्र के अतलखा पंचायत स्थित वार्ड नं 2 मे बीते रविवार की शाम जमीनी विवाद को लेकर उत्पन्न विवाद में पुत्र द्वारा पिता की धारदार हथियार से हत्या किए जाने के मामले में बसनही थाना पुलिस द्वारा मृतक के भाई रामकुमार यादव के फर्द बयान पर पुत्र नंदन कुमार उर्फ मरर यादव तथा उसकी पत्नी स्वीटी देवी पर मामला दर्ज कर लिया गया है।

हालांकि घटना की जश्मदीद गवाह मृतक के पत्नी की जगह मृतक के भाई के फर्द बयान पर बसनही थाना पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने से चर्चाओ का बाजार गर्म हो गया है।मृतक वैसे भी शारिरिक रुप से काफी बलिष्ठ था।ऐसे मे आरोपी पुत्र नंदकिशोर उर्फ मरर यादव द्वारा मात्र अपनी पत्नी स्वीटी देवी के सहयोग से उमेश यादव को घर के आंगन में मारकर गिरा देना संभव नहीं जान पडता है।जबकि मृतक खुद ज्यादातर बांस काटने की मजदूरी करता था।तथा लोहे का दबिया चलाने में माहिर था। जबकि मृतक का आरोपी पुत्र ड्राइवर का काम करता था।ऐसे में मृतक के भाई के फर्द बयान पर नजर डाले तो मृतक के भाई रामपुकार ने घटना का जिक्र करते हुए कहा है कि घटना के वक़्त वो अपने भाई उमेश यादव के साथ उसके आंगन में बैठ कर बातचीत कर रहा था कि आरोपी नंदन उर्फ मरर व उसकी पत्नी स्वीटी मौके पर पहुँच गाली गलौज करने लगा। जिसे दोनो भाइयों ने मिलकर समझाने का प्रयास किया। इसी दौरान स्वीटी के कहने पर नंदन ने दबिया से ताबड़तोड़ प्रहार कर उमेश को गंभीर रूप से घायल कर दिया। और मौके से फरार हो गया। ऐसे में ये बात संदेह पैदा करती है कि आखिरकार दोनों भाई या दो पुरुषों के घटना के वक्त मौजूद होने के बाबजूद आरोपी पति पत्नी पर काबू क्यों नहीं पाया जा सका।ऐसे में तो यही जान पडता है कि उमेश यादव की हत्या में हत्यारे पुत्र के अन्य मददगार भी मौजूद थे।पता नहीं ये मामूली मगर मजबूत तथ्य की अनदेखी बसनही पुलिस कैसे और क्यों कर रही हैं।मृतक के पत्नी की जगह उसके भाई के फर्द बयान के बाबत बसनही थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सदर अस्पताल सहरसा मे शव के पोस्टमार्टम के साथ के वक्त मृतक की पत्नी नहीं थी।इसी वजह से भाई का फर्द बयान लेना पड़ा। रिपोर्ट – राज आर्यन गुड्डू@अनुभवी आंखे।महुआ बाजार

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