मऊरानीपुर(झाँसी)- मधुपुरी साहित्यिक एवं सामाजिक परिषद मऊरानीपुर की काव्य गोष्ठी श्री लक्ष्मी नारायण मन्दिर परवारीपुरा में सम्पन्न हुयी। जिसमें कवियों ने अपनी – अपनी कविताओं के चलते शमा बाँधा, और लोगों को मनमुग्ध कराया। कवि गोष्ठी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवध बिहारी सूरौठिया रहे, और अध्यक्षता हीरा लाल वर्मा द्वारा की गयी। इस मौके पर कवियों में जयप्रकाश खरे ने कहा कि तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे। प्यूष निराला ने कहा कि हम वो पत्थर है जिसे दुश्मन हिला नही सकते। प्रकाश चन्द्र निराला ने कहा कि जो औरों के लिये तिरंगे में लिपटे है। अवध बिहारी सूरौठिया ने कहा कि अपमानों को सहते रहते सद्वाणी उच्चरते रहते। मदन कान्त व्यास ने कहा कि भारतीय नागरिक जो वतन से गद्दारी करे। वृन्दावन लाल वर्मा ने कहा कि ओजू भारत से ना दरजो कबहुँ ना सुरजो। ज्ञानप्रकाश यादव ने कहा कि सावन अन्त लगत भादों में चौपट भई किसानी। सुरेश चौधरी ने कहा कि जुल्फ रुख के साये में जिन्दगी गुजारी है। रेवाशंकर पाठक ने कहा कि कीजिये ऐसी बातें जिन्हें सुनकर खेद न हो। प्यारे लाल बेधडक ने कहा कि सत्ता में सरकार देखिये। राजनीति व्यापार देखिये। रामकुमार चौबें ने कहा कि हम सब माटी के पुतले है विधना ने दी देह समार। इस मौके पर विन्द्रावन नेता, लक्ष्मी नारायण बाबा, नरोत्तम, प्रमोद पाण्डे, दुर्गा प्रसाद कुशवाहा, स्वामी प्रसाद राय, जयप्रकाश राय, राकेश राय, दीपू अग्रवाल आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जयप्रकाश खरे ने किया। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर ।, updated by gaurav gupta

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