साल 2017 का दूसरा सूर्यग्रहण 21 अगस्त को दिखाई देगा. ये पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. यह ग्रहण यूरोप, उत्तर/पूर्व एशिया, उत्तर/पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका में पश्चिम, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक की ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा. 99 सालों बाद अमेरिकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. अमेरिका में सुबह 10.15 मिनट से सूर्यग्रहण ऑरेगन के तट से दिखने लगेगा और दक्षिण कैरोलीना के तट पर दोपहर 2.50 बजे खत्म होगा. उत्तरी अमेरिका के सभी हिस्से में आंशिक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा.

नासा ने तो 21 अगस्त को होने वाले सूर्यग्रहण के मद्देनजर नागरिक वैज्ञानिकों से राष्ट्रव्यापी वैज्ञानिक अन्वेषण में योगदान देने को कहा है, जिसके तहत सूर्यग्रहण के दौरान उन्हें बादल और हवा के तापमान का आंकड़ा अपने फोन के माध्यम से नासा को देनी होगी. इस दौरान सूर्यग्रहण को पूरे अमेरिका में देखा जा सकेगा.

सूर्यग्रहण एक रोचक खगोलीय घटना है. 21 अगस्त को इस वर्ष का दूसरा सूर्यग्रहण है. आइए जानते हैं, सूर्यग्रहण के बारे में हिन्दू मायथोलॉजी क्या कहती है?

– पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर देवता की आराधना करनी चाहिए.

– स्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है. मान्यता है कि इससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आती है. यही कारण है कि सूर्यग्रहण के बाद लोग गंगा, यमुना, गोदावरी आदि नदियों में स्नान के लिए जाते हैं और दान देते हैं.

– हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्यग्रहण में ग्रहण शुरु होने से चार प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये. बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं. यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ना चाहिए.

– मिथक है कि गर्भवती स्त्री को सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए. क्योंकि माना जाता है कि उसके दुष्प्रभाव से शिशु को प्रभावित कर सकता है.

– यह मान्यता भी प्रचलित है कि सूर्यग्रहण के समय बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए और दांत भी नहीं साफ करने चाहिए. ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग करना और भोजन करना – ये सब कार्य वर्जित हैं.

– सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को बिल्कुल मना किया जाता है. मान्यता है कि इस दौरान शुरु किया गया काम अच्छा परिणाम नहीं देता है.

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