जानकीनगर (पूर्णिया) – सावन की चौथी एवं अंतिम सोमवारी को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा हैl श्रद्धालुओं के अनुसार सावन के पूरे महीने में भगवान शिव धरती पर विराजते हैं भोले शंकर को प्रसन्न करने के लिए विशेष पकवान या अन्य सामग्रियों की जरूरत नहीं होती हैl भगवान भोले शंकर को श्रद्धालुओं के द्वारा भांग धतूरा चढ़ाकर प्रसन्न कर लिया जाता है इसी कड़ी में सावन की चौथी एवं अंतिम सोमवारी को लेकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए रामनगर फरसाई पंचायत के वार्ड नंबर 5 के चोपड़ा बाजार के कोसी प्रोजेक्ट स्थित भोले बाबा की मंदिर एवं रामपुर तिलक के वार्ड नंबर 2 एवं वार्ड नंबर 12 स्थित भोले बाबा के मंदिर के साथ साथ जानकीनगर के विभिन्न शिवालयों में जलाअभिषेक को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ अहले सुबह से ही खासकर महिलाओं और लड़कियों की भीड़ मंदिर में पहुंचने शुरू हो गई थीl अंतिम सोमवारी को लेकर जलाअभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी रही lपूजा अर्चना करने आई पिंकी कुमारी, नीलम देवी, गायत्री देवी, रूबी देवी सहित आदि महिलाओं ने बताया कि वैसे तो पूरे सावन के दौरान लोग भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं लेकिन सावन की सोमवारी का विशेष महत्व होता है इसलिए सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर जानकीनगर क्षेत्र के छोटी-छोटी शिवालयों में पूजा अर्चना करने वाले लोगों की काफी भीड़ देखा जा रहा है l सावन की सोमवारी का अपना खास महत्व है इसलिए पूजा अर्चना करने वाली व्यक्ति भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र के फूल , धतूरे का फूल,पंचामृत अर्पित कर विशेष पूजा अर्चना करते नजर आया कहीं-कहीं दूध,जल, शहद आदि से शिवलिंग का स्नान भी करते हुए नजर आया l

रामपुर तिलक के पंडित महाकांत झा जी बताते हैं कि भगवान शिव तुरंत और तत्काल प्रसन्न होने वाले देवता हैं शिव पुराण में कहा गया है कि भगवान शिव ही स्वयं जल है शिव पर जल चढ़ाने का महत्व समुंद्र मंथन की कथा से जुड़ा है अग्नि के समान विष पीने के बाद शिव का कंठ एकदम नीला पड़ गया थाl विष कि उस्मानता को शांत करके शिव को शीतलता प्रदान करने के लिए समस्त देवी देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया थाl इसीलिए श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान भोलेनाथ को शीतलता प्रदान करने के लिए जल चढ़ाया जाता है। रिपोर्ट – लालमोहन आनंद, updated by gaurav gupta 

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