संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र की रासायनिक हथियारों पर निगरानी रखने वाली संस्था ओपीसीडब्ल्यू की एक गोपनीय रिपोर्ट में बताया गया है कि सीरिया के खान शेखुन शहर में 4 अप्रैल को किए गए हमले में रासायनिक हथियार के तौर पर जानलेवा सरीन गैस का इस्तेमाल किया गया था. रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्लू) की जांच पड़ताल पर अब संयुक्त राष्ट्र-ओपीसीडब्ल्यू का संयुक्त पैनल विचार विमर्श करेगा कि क्या इस हमले के पीछे सीरियाई सरकार की फौज का हाथ था. इस रिपोर्ट के कुछ अंश एएफपी को हासिल हुए है, जिसके अनुसार, अपने काम के आधार पर तथ्य की खोज करने वाला अभियान एफएफएम इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि बड़ी संख्या में लोग सरीन या सरीन जैसे पदार्थ के संपर्क में आए जिनमें से कुछ की मौत हो गई. इस हमले में बच्चों समेत कम से कम 87 लोग मारे गए थे. अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने राष्ट्रपति बशर अल असद की सेनाओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था.

इसके कुछ दिनों बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका ने सीरिया के एक हवाईअड्डे पर मिसाइल दागी. उसने कहा कि यहीं से रासायनिक हथियार से हमला किया गया था. अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने एक बयान में कहा कि उन्हें ओपीसीडब्ल्यू की रिपोर्ट पर पूरा भरोसा है, जिसने सरीन गैस हमले के बारे में अपना अंतिम निष्कर्ष दिया.

सीरिया के सहयोगी रूस ने इन नतीजों को खारिज करते हुए कहा कि ये विश्वसनीय नहीं है. फरवरी में रूस ने संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था, जिसमें छह साल के युद्ध में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने को लेकर सीरिया पर प्रतिबंध लागू किए जाते.
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