पूर्णियाँ(संवाददाता अशोक कुमार) – बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी द्वारा ब्राह्मण समाज पर रविवार को विवादित बयान दिए जाने के बाद आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है । आज पूर्णिया आरएन साह चौक के मुख्य चौराहे पर मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन और परशुराम सेवा संघ के बैनर तले सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जीतन राम मांझी मुर्दाबाद आदि के नारे जम के लगाए और उनका पुतला दहन किया

इस अवसर पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के जिला अध्यक्ष अविनाश कुमार मिश्रा ने कहा कि जीतन राम मांझी ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है । मैं उनके नाम में राम नहीं रखना चाहता क्योंकि कुछ दिन पहले वे राम को काल्पनिक बता रहे थे । उन्होंने सनातन धर्म पर ऐसा आघात किया है करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र रहे भगवान नारायण को कटघरे में खड़ा कर दिया हैं । हिंदू धर्म ही कोई धर्म नहीं है और जाति विशेष को टारगेट किया है । ब्राह्मण, पंडित जो सदा सनातन काल से पूजनीय रहे हैं, उनको हरामि शब्द का प्रयोग करना कितना दुर्भाग्यपूर्ण है ।
वहीं जिला कांग्रेस पार्टी के जिला प्रवक्ता एसएम झा ने कहा कि बिहार में जीतन राम मांझी हो या उत्तर प्रदेश में संजय निषाद हो, सभी सनातन धर्म के खिलाफ बोल रहे हैं । भाजपा दोनों जगह समर्थन ले रही है और यह चिंता का विषय है । उन्होंने कहा कि मांझी ने ब्राह्मणों को सिर्फ गाली नहीं दी है इन्होंने भगवान राम को मानने से इनकार किया है । प्रभु सतनारायण को साला कह कर बुलाया है । प्रधानमंत्री जी इस पर संज्ञान ले । यदि वे सनातन धर्म के अपने आप को रक्षक कहते हैं तो दूसरी तरफ सनातन धर्म विद्रोही से समर्थन कैसे ले सकते हैं । जिला कॉन्ग्रेस प्रवक्ता एसएम झा ने कहा कि जीतन राम मांझी को तुरंत अपने गठबंधन से हटावे, उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करें और उन पर मुकदमा चलाया जाए । updated  by gaurav gupta 

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