लोगों को भुखमरी व मानिसक तनाव से बचाने का एक सार्थक प्रयास
—मानवता की सेवा करना ही मनुष्य का प्रथम लक्ष्य
—अब तक साढ़े 3.5 करोड़ भी ज्यादा लोग लाभान्वित
—दुख, रोग व शोक दूर करने वाला दिव्य भोजन यानी ‘प्रसादम’

दिल्ली – व्यक्ति के जीवन का वास्तविक उद्देश्य मानव इस्कॉन का असहाय व कमजोर लोगों को भोजन वितरण का संकल्पकल्याण है। इस धरती पर हम सिर्फ अपने लिए नहीं जी सकते। यूँ भी कहा जाता है कि जीव भगवान का अंश-रूप है, अगर हम किसी जीव की सेवा करते हैं तो एकमायने में हम भगवान की सेवा कर रहे हैं और वह भी ऐसे हालातों में जब प्रकृति हमारे साथ पिछले दो सालों से आँखमिचौनी का खेल खेल रही है। कोरोना कभी जाता है, कभी मुड़कर फिर वापस आ जाता है। हाल ही में भी कुछ ऐसे ही हालात चल रहे हैं जहाँ हमें फिर से एकजुट होने की जरूरत आन पड़ी है। गत वर्षों की तरह इस्कॉन द्वारका दिल्ली ने संकट की इस घड़ी में एक बार फिर से समाज के अधिक कमजोर व असहाय लोगों की खाद्य सेवा करने का संकल्प लिया है। ज्ञात हो कि द इस्कॉन फूड फॉर लाइफ द्वारका के इस मंच से कोरोना संकट में अब तक 3.5 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को भोजन वितरण किया गया। पहले लॉकडाउन के दौरान पाँच लाख से भी ज्यादा लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाया था। दूसरे लॉकडाउन में कोरोना मरीज़ों के लिए 40 हज़ार थालियाँ प्रतिदिन भेजी जाती थीं और 200 बिस्तरों का एक कोविड केयर सेंटर बनाया गया था। अब कोरोना की तीसरी लहर ने जैसे ही दस्तक देनी शुरू की तो समाज के जरूरतमंद लोगों ने फिर से इस्कॉन द्वारका की हेल्पलाइन पर संपर्क करना शुरू किया और माँग की कि आभारस्वरूप आप फिर से उन्हें खाने की थालियाँ उपलब्ध कराएँ। उनकी इस सविनय माँग को ध्यान में रखते हुए इस्कॉन द्वारका ने खाद्य वितरण की सारी तैयारियाँ पूर्ण कर ली हैं।
द फूड फॉर लाइफ कार्यक्रम के तहत श्रवण कुमार सेवा के अंतर्गत बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं व कोरोना पीड़ितों को उनके घर तक भोजन पहुँचाया जाएगा। इस बार लोगों की रूचि का खयाल रखते हुए प्रांतों के अनुसार भोजन वितरण की व्यवस्था की गई है। अगर किसी को साउथ इंडियन थाली चाहिए और किसी को नार्थ इंडियन, किसी को पनीर थाली तो किसी को डायबिटीज थाली, हर प्रकार की थाली उपलब्ध है। अगर किसी को डायबिटीज है तो उसे मीठा नहीं दिया जाएगा, अतः शुगर फ्री भोजन की भी व्यवस्था है। अर्थात ऐसा भोजन जो उनकी ज़रूरत, पसंद, स्वाद व स्वास्थ्य के अनुसार हो।
श्रील गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज, इस्कॉन जीबीसी और बीबीटी ट्रस्टी का कहना है कि इस्कॉन मानवता की सेवा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहता है। कोविड संकट के समय ज़रूरतमंदों के लिए पौष्टिक भोजन उनके दरवाज़े तक पहुँचाना सुनिश्चित कर रहे हैं। इस मुहिम में सरकार के सहयोग के साथ ही हमारा यह प्रयास सफल हो रहा है।
समाज के व्यापारिक जगत से भी इस सेवा में लोग हमारे साथ आए हैं। इनमें अदानी समूह, केईआई, जिंदल पॉली फिल्म्स व ओएनजीसी का नाम शामिल है। इन्होंने द फूड फॉर लाइफ कार्यक्रम में साथ देकर लोगों को भुखमरी और मानिसक तनाव से बचाया है।
इस्कॉन द्वारका में बतौर अध्यक्ष अपनी सेवाएँ दे रहे प्रद्युम्न प्रिय प्रभु कहना है कि प्रतिदिन पर्याप्त पोषणयुक्त भोजन इस महामारी के दौरान स्वास्थ्य के जोखिम को कम करता है। आम जीवन में भी हम आवश्यकताओं के लिए परमेश्वर पर ही निर्भर रहते हैं और इस समय जो पीड़ित है वह भगवान से प्रार्थना करता है कि आप सबकी तरह मेरा भी पालन करें, तो वे उनकी बात सुनते हैं और उन तक मंदिरों में बना प्रसादम पहुँचाने की व्यवस्था करते हैं। आपको बता दें कि इस्कॉन में बने प्रसादम को एक विशेष विधि से बनाया जाता है। भगवान को अर्पित करने के लिए इसे शास्त्रीय ढंग से तैयार किया जाता है, ऐसा भोजन दिव्य भोजन कहलाता है। सर्वप्रथम भगवान को अर्पित करने के बाद ही यह भोजन मनुष्यों के लिए रुचिकर और रोगाणुरोधक बनता है। यह भोजन सात्विक, आयु बढ़ाने वाला, जीवन को शुद्ध करने वाला तथा बल, स्वास्थ्य, सुख व तृप्ति प्रदान करने वाला होता है। ऐसे भोजन को खाने से दुख, शोक तथा रोग दूर होते हैं।
आहार वितरण के लिए वितरणकर्ताओं के जोखिम का भी खयाल रखा है और पूर्ण सावधानी बरतते हुए दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए टीमें बनाई हैं ताकि संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सके।
वंदना गुप्ता

updated by gaurav gupta 

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