भरगामा से अंकित सिंह की रिपोर्ट 

अररिया– जिले के भरगामा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सिमरबनी सरकारी अस्पतालों में दवा व इलाज के समुचित इंतजाम होने का सरकारी दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों की कौन कहे,प्रखंड अस्पताल में भी समय से सिर्फ मरीज पहुंचते है,यहां इलाज कराने के लिये आने वाले रोगियों को लम्बे इंतजार के बाद उपचार मुहैया हो पाता है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये शासन की ओर से लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं। इसके लिये डॉक्टरों व कर्मचारियों की भारी-भरकम फौज भी तैनात की गयी है। हालांकि जिम्मेदारों की शिथिलिता के चलते सिमरबनी अस्पताल में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है। यहां अस्पताल के बाहर तो रोजाना सैकड़ों मरीजों की कतार तो लग जाती है लेकिन डॉक्टर साहब अपने समय से नहीं आते। मरीज व उनके तीमारदार घंटों अस्पताल के बाहर खड़े रहते हैं। हालांकि शासन स्तर से स्वास्थ्य महकमे को जो गाइडलाइंस दी गई और उसके अनुसार चिकित्सकों को सुबह 9 बजे से अस्पताल में बैठकर इलाज करना तय किया गया है लेकिन शासन का फरमान यहां के चिकित्सकों के लिए हवा- हवाई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इसको लेकर जब भी मरीजों द्वारा हंगामा किया जाता है,तब अस्पताल प्रशासन कोई ना कोई परेशानी का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लेता है और मरीजों की समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। मिली जानकारी अनुसार पिछले कई महीनों से सिमरबनी अस्पताल में प्रतिनियुक्त डॉक्टर बिना कोई सूचना के अस्पताल से गायब रहते हैं।

पांच 6 दिनों बाद डॉक्टर साहब सिमरबनी अस्पताल में समय देंगे। अभी उनका ड्यूटी कोरोना टीकाकरण में लगाया गया है।

डॉक्टर एमपी गुप्ता,सीएस।

updated by gaurav gupta 

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