अररिया(बिहार) – फारबिसगंज कहने को तो फारबिसगंज एक अनुमंडल है लेकिन इसकी कहानी बहुत ही ऐतिहासिक है। दशकों पुरानी कहानी है। फारबिसगंज में जब जुट का धंधा बहुत ही जोरो शोर से चल रहा था। एवं अंग्रेजों के जमाने मे यहाँ निल की खेती होती थी। लेकिन समय के साथ सब कुछ बदल गया है। यूं तो फारबिसगंज को अनुमंडल का दर्जा प्राप्त हो चुका है। लेकिन सभी मनको को पूरी करने के बाद भी आजतक फारबिसगंज को जिला का दर्जा प्राप्त नही हुआ है। समय समय पर नागरिक संघर्ष समिति सहित अन्य सामाजिक संस्था के द्वारा फारबिसगंज को जिला बनाने की मांग किया गया लेकिन आजतक ये मांगे अधूरी है।
तत्कालीन एसडीओ राजीव रौशन के जिस समय मे यहाँ पर पदस्थापित थे। तो उस समय सरकार की तरफ से एक लेटर भी आया था। जिसमे बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने फारबिसगंज एसडीओ से अनुमंडल को जिला बनाने के लिए रिपोर्ट मांगी गयी थी। तो एसडीओ राजीव रोशन ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा था कि इस संबंध में प्रक्रिया जारी है। लेकिन तत्कालीन एसडीओ के जाने के बाद लगता है। फाइल दब गया है।
बताते चले कि अनुमंडल के तीनों प्रखंडो व पड़ोसी जिला सुपौल के छातापुर प्रखंड एवं वीरपुर के बसंत पुर प्रखंड को मिलाकर फारबिसगंज को जिला बनाया जा सकता है।
वही फारबिसगंज में पुराने एयरपोर्ट सहित विद्युत विभाग का प्रमुख कार्यालय, सेल्स टेक्स, कस्टम कार्यालय सहित अररिया जिला का सबसे अधिक राजस्व देने वाला रजिस्ट्री आफिस, माडल थाना, बियाडा का औद्योगिक क्षेत्र आदि ऐसे कई महत्वपूर्ण कार्यालय अनुमंडल मुख्यालय में है। यह सभी पहल एक जिला बनने के कारक है। लेकिन बदनसीबी ही कहा जाए कि आजतक फारबिसगंज को जिला नही बनाया गया है।।
लेकीन आगामी विधानसभा चुनाव में ये मुद्दा जोड़ पकड़ने की संभावना है। एवं ये मुद्दा हावी हो सकता है। अगर फारबिसगंज को जिला बनाया जाता है। तो यहाँ के लोगो को अररिया का चक्कर नही लगाना होगा साथ ही साथ फारबिसगंज के आसपास के इलाकों में विकास के द्वारा भी खुल सकते है एवं शिक्षा के छेत्र में भी यहाँ के लोगो को काफी फायदा होने की संभावना है। अब देखने वाली बात ये होगा कि फारबिसगंज को जिला का दर्जा कब प्राप्त होता है। रिपोर्ट – अब्दुल वहाब, updated by gaurav gupta