दिल्ली – टूट रहा है तिलिस्म कहना गलत नहीं होगा कि पहले हरियाणा में झटका और फिर अपने उसूल को दरकिनार कर सरकार बनाया इसके बाद महाराष्ट्र में अपने सहयोगी ही आंखें तरेर दिया और विपक्ष में बैठने को मजबूर होना पड़ा। खूब छिछालेदार भी हुआ। और ताजा उदाहरण झारखंड में देखने को मिला जहां सभी सहयोगियों ने अलग चुनाव लड कर सभी ने सीटों का नुकसान भी उठाया। लोजपा हो या आजसू। भाजपा को भी अधिक सीटों का नुकसान हुआ। आपको बता दें कि भाजपा का तिलिस्म टूटता नजर आ रहा है। 3 7 से 25 सीट पर सिमट जाना यही दर्शाता है। मोदी शाह भले ही देश के विकास की बात करते हों दूनिया में अपने प्रतिनिधित्व का लोहा मनवाते हों पर हकीकत यही है कि भारत में लोग परेशान हैं। परेशान हैं रोजगार के लिए रोज़ी-रोटी के लिए और किसान उत्पादन और मूल्य के लिए शिक्षा स्वच्छता व स्वास्थ्य सभी फिसड्डी साबित हो रहे हैं।जरुरत है अब आत्मावलोकन की। जरुरत है चिंतन की। जरुरत है कि आखिर चूक कहां हो रहा है। भाजपा अजेय नहीं है। आपके अच्छे दिन लोगों को क्यों नहीं दिख रहा है। आखिर आम आदमी रोजी रोजगार और रोटी के लिए क्यों परेशान हैं। जीडीपी गिर गया है।पहले किसान मर रहे थे लेकिन अब इंजीनियर और व्यवसायी लोग तंगी से परेशान आत्महत्या कर रहे हैं। यह देश का दुर्भाग्य है मोदी जी अब वक्त आ गया है कि आप इस पर गहन चिंतन करें। इन चुनावी हार से सबक लेने का समय आ गया है।   संतोष कुमार गुप्ता संपादक अनुभवीआँखें न्यूज ।

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