21वी सदी के लोग आज इंटरनेट के पीछे इतने पागल हो गए है की उनके स्वस्थ्य पर भी काफी दुष्प्रभाव पड़ रहा है| यहाँ तक सबसे ज्यादा असर उनके मनमस्तिष्क पड़ रहा है, इंटरनेट की वजह से सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है | यहाँ तक की एम्स के मनोचिकित्सक विभाग में असोसिएट प्रोफेसर यतन सिंह बलहारा ने बताया की इंटरनेट एडिक्शन के बढ़ते मामलो देखते हुए पिछले साल अक्टूबर में बिहेवियर एडिक्शन क्लीनिक खोला गया था | जिसमें खास तौर पर 17 से 25 साल के युवाओ में इंटरनेट एडिक्शन के मामले देखे जा रहे है | यहाँ तक की इंटरनेट की वजह से आये दिन बच्चों के साथ नए नए हादसे देखने को मिल रहे है , जैसे की अभी हाल ही में ब्लू व्हेल गेम की की बात ले लीजिये जिस कारण रोज़ाना बच्चे मौत की नींद सो सो रहे है अर्थात आत्महत्या कर रहे है | यही नहीं अभी हाल ही में दो मामले सामने आये है पहला मामला दसवीं क्लास के अंकित का है जिसकी उम्र 15 साल है , उसे मोबाइल फोन से इस कदर लगाव हुआ की वह उसी में खो गया | जिस वजह से उसकी पढाई पर भी असर पड़ने लगा | एक गुस्से में अंकित के पिता ने उससे फ़ोन छीन लिया | तो अंकित ने अपने पिता को थप्पड़ मार दिया | जिसके बाद उसका हाथ उठाना आम बात हो गयी | फिर उसके माता – पिता मानव व्यवहार एवं सम्बन्ध विज्ञान संस्थान लेकर पहुचें , तब मनोचित्सक ने कहा की उसमे ये बदलाव इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल के कारण आया है, दूसरा मामला दिव्यांश द्वारका के डीपीएस स्कूल में नौवीं की स्टूडेंट है | उसे वीडियो गेम का ऐसे चस्का लगा की पिछले 2 महीने से उसने स्कूल नहीं गया , उसे पेरेंट्स उससे बिहेवियर एडिक्शन क्लीनिक में कर पहुचें | जहाँ उन्होंने बताया की शुरआत में दिव्यांश का स्कूल से होमवर्क मिलता था जिसमें उसे इंटरनेट का प्रयोग करना पड़ता था लेकिन धीरे धीरे उसकी ये आदत कब उसकी लत में बाद गयी उन्हें पता ही नहीं चला | अब इसका अंदाज़ा आप खुद ही लगा की इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से कितने घातक परिणाम हो सकते है| इसलिए बेहतर यही होगा की जितना हो सके बच्चों को इंटरनेट से दूर रखे | अनुभवी ऑंखें फीचर डेस्क

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