बनमनखी ।बनमनखी-अंनत पूजा को लेकर मार्केट मै चहल -पहल। इस पर्व पर हमारे संवाददाता ने बाजार का जायजा लिया।

,इस पर्व मे भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। अनंत चतुर्दशी पूजा में बिना नमक का खाना बनाया जाता है। अथवा यूं कहिए मीठा भोजन खास कर मालपूआ व सेवई बनता है।


अंनत चतुदर्शी के दिन अंनत भगवान की पूजा की जाती है। इस दिन अंनत भगवान को सूत्र चढ़ाया जाता है,। पूजा होने के बाद रक्षा सूत्र को अंनत भगवान श्री विष्णु जी के सामने चौदह गांठों वाला अनंत सूत्र (डोरा) को एक जल पात्र में खीरा से लपेट कर ऐसे घुमाते हैं कि कहते हैं की इसी तरह समुद्र मंथन किया गया था, जिससे अनंत भगवान मिले थे।

मंथन के बाद ॐ अनंतायनम: मंत्र से भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूरी विधि से पूजा किया जाता है। पूजा के बाद अनंत सूत्र को मंत्र पढ़ने के बाद पुरुष अपने दाहिने हाथ में और स्त्री बाएं हाथ में बांध लेंती है। इस सूत्रको भगवान्मा विष्णु मान कर हाथ में पहना जाता है। यह अंनत धागा रक्षा करता है इस पूजा मै गणपति को 10दिन तक घर मै बैठाकर अंनत पूजा के दिन उसकी विदाई की जाती है। कहते हैं कि पाण्डव जब जुए में सबकुछ हार गया तब विष्णु रुपी श्री कृष्ण ने द्रोपदी को यह पूजा विधि बताया था ताकि सुख समृद्धि वापस मिल सके। बिहार में इस पर्व का खास क्रेज है। यह पूजा 5 सितम्बर को मनाया जायेगा। ःअनुभवी आंखें न्यूज के लिए गौरव गुप्ता की रिपोर्ट ।कैमरामैन विशाल गुप्ता ।

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