दरभंगा(संवाददाता कौशल कुमार मिश्रा) – समाहरणालय अवस्थित एन.आई.सी. मीटिंग हॉल में जिलाधिकारी, दरभंगा श्री राजीव रौशन की अध्यक्षता में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर बैठक की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए सभी उपायों पर ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने जिला स्वास्थ्य प्रबंधक को कोरोना संक्रमण से बचाव व सुरक्षा के लिए बनवाये गये बुकलेट को विभिन्न सामाचार पत्रों में डलवाकर लोगों के बीच पहुँचवाने का निर्देश दिया। वहीं अपर समाहर्त्ता (आपदा प्रबंधन) अनिल कुमार सिन्हा को कोविड-19 से संबंधित प्रॉटोकॉल की एक विस्तृत गाइडलाइन तैयार करने का निर्देश दिया।
बैठक में उप निदेशक, जन सम्पर्क द्वारा बताया गया कि शहरी क्षेत्र में 03 प्रचार वाहनों के माध्यम से कोरोना महामारी से बचाव के लिए निर्धारित गाइडलाइन का प्रचार-प्रसार करवाया जा रहा है। वहीं सभी प्रखण्डों में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के माध्यम से व्यापक माईकिंग करवाकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि अभी भी बहुत सारे लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। इसलिए मास्क चेकिंग अभियान में तेजी लाने की जरूरत है। ल
जिलाधिकारी ने जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को कहा कि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अनिवार्य है, इसलिए 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग के शत्-प्रतिशत् किशोरों का 02 से 03 दिनों के अन्दर टीकाकरण हो जाना चाहिए।
बैठक में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अमरेन्द्र कुमार मिश्र ने बताया कि दरभंगा जिला के 03 लाख 22 हजार किशोरों के टीकाकरण करने का लक्ष्य दिया गया है। 09 जनवरी तक 70 हजार किशोरों का टीकाकरण किया जा चुका है, जो निर्धारित लक्ष्य के 22 प्रतिशत् है। जिले में 01 लाख 26 हजार टीका उपलब्ध हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि हेल्थ वर्कर, जिनमें निजी अस्पतालों एवं क्लिनिक के कर्मी भी शामिल हैं तथा फ्रंट लाइन वर्कर जिनमें पुलिस बल एवं सभी सरकारी कार्यालय के पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल हैं, का शत प्रतिशत प्रिकॉशनेरी डोज का टीका 11 जनवरी तक दे दिया जाए,इसके लिए देय सूची निकलवा ली जाए। इसके साथ ही 60 वर्ष से ऊपर वाले तथा कोमोरबिडिटीज वाले लोगों को भी प्रिकॉशनेरी डोज का टीका जल्द से जल्द दे दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिले में टीके की कोई कमी नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 की टेस्टिंग लगातार कराते रहने का निर्देश दिया। अगर किसी को भी बुखार, सर्दी, खाँसी के साथ अन्य कोई लक्षण है, तो कोविड किट्स के साथ उस बीमारी की भी दवा दे दी जाए। इसके साथ ही संजीवनी एप को अद्यतन करते रहने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने सिविल सर्जन को सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के साथ बात कर वांछित दवा एवं कोविड पॉजिटिव के इलाज के लिए अन्य वांछित सुविधा की उपलब्धता की जानकारी अद्यतन कर लेने का निर्देश दिया।
उन्होंने विशेष कार्य पदाधिकारी-सह-जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए विभिन्न कोषांगों का गठन कर लेने एवं सभी कोषांगों को उनकी जिम्मेवारी से अवगत करा देने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए बनाये जाने वाली निगरानी कमिटि में उद्योग विभाग के पदाधिकारी को तथा दवा की उपलब्धता की निगरानी समिति में औषधि निरीक्षक को निश्चित रूप से शामिल किया जाए।
इसके साथ ही डी.एम.सी.एच. एवं जिला स्कूल के परीक्षा भवन में अवस्थित डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेन्टर के बेड प्रबंधन के लिए 01 एप विकसित करने का निर्देश जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी तथा जिला स्वास्थ्य प्रबंधक को दिया गया।
उन्होंने कहा कि जैसे ही कोई मरीज डी.एम.सी.एच. या डी.सी.एच.सी. के बेड पर दाखिल होता है, उस एप पर उसकी जानकारी अपलोड कर दी जाए। साथ ही उस मरीज की क्या स्थिति है, यह भी जानकारी डाल दी जाए। यदि मरीज को दुसरे बेड पर शिफ्ट किया जाता है, तो इसकी भी जानकारी तुरंत उस एप पर डाल दी जाए और एस.एम.एस. से एस. एम. एस. से टैग कर दिया जाए, ताकि मरीज के अभिभावक या एडेंटड को मरीज की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलती रहे।
उन्होंने सिविल सर्जन को डी.एम.सी.एच. के प्राचार्य से समन्वय स्थापित कर ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन, ऑक्सीजन युक्त बेड का ड्राई-रन करवा लेने का निर्देश दिया गया। यदि ड्राई-रन में किसी चीज की कमी पायी जाती है, तो उसे पूरी कर ली जाए।
बैठक में जिला स्वास्थ्य प्रबंधक ने बताया कि डी.सी.एच.सी. (परीक्षा भवन, जिला स्कूल) से टेली मेडिसिन की सुविधा प्रारंभ कर दी गयी है।
बैठक में अपर समाहर्त्ता (आपदा प्रबंधन) अनिल कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अमरेन्द्र कुमार मिश्र, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय कुमार, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी,दरभंगा राजीव झा एवं जिला स्वास्थ्य प्रबंधक विशाल कुमार उपस्थित थे।
updated by gaurav gupta