ट्रूकॉलर ने अपनी शुरुआत एक कॉलर आईडी ऐप के तौर पर की थी, और अब यह ऐप स्पैम कॉल और मैसेज रोकने, स्मार्ट डायलर, कॉल हिस्ट्री जैसे तमाम फ़ीचर से लैस है। इसी साल ट्रूकॉलर के एंड्रॉयड ऐप को ट्रूकॉलर 8 पर अपग्रेड किया गया। और इसी के साथ कई नए फ़ीचर भी ऐप में जोड़े गए। इनमें पेमेंट, रीचार्ज और फ्लैश मैसेजिंग जैसे फ़ीचर शामिल हैं। Truecaller  भारत में एक लोकप्रिय ऐप है। और भारत इस ऐप का सबसे बड़ा बाज़ार भी है। आज हम आपको Truecaller App के उन फ़ीचर के बारे में बताएंगे जो बेहद काम के हैं और आपकी रोजमर्रा की ज़िंदगी को आसान बनाते हैं।

ट्रूकॉलर फ्लैश मैसेजिंग

ट्रूकॉलर 8 एंड्रॉयड ऐप में फ्लैश मैसेजिंग सपोर्ट आया। मान लीजिए कि आप किसी मीटिंग में हैं, या फिर आपातकालीन स्थिति में फंसे हैं। फ्लैश मैसेजिंग की मदद से आप किसी भी ट्रूकॉलर यूज़र को पहले से लिखे मैसेज झट से भेज सकते हैं। इसके अलावा ट्रूकॉलर यूज़र उन्हें अपनी लोकेशन के अलावा इमोजी भी भेज सकते हैं।

ट्रूकॉलर कॉल मी बैक

ट्रूकॉलर के ‘कॉल मी बैक’ फ़ीचर की बात करें तो इसे पिछले साल के आखिर में पेश किया गया था। इसकी मदद से आप जब भी किसी शख्स को कॉल करते हैं और वह किसी वजह से कॉल नहीं उठाता है तो आपको दो विकल्प मिलते हैं। इनमें से एक है, उस शख्स को ‘कॉल बैक’ करने का नोटिफिकेशन और दूसरा ‘कॉल अगेन’। इस फ़ीचर से आम यूज़र को तो मदद मिलती ही है वहीं ई-कॉमर्स कंपनियों को डिलिवरी करने में भी आसानी रहती है। अगर दूसरा विकल्प चुनते हैं तो नंबर फिर से डायल हो जाता है। अगर रिसीवर का नंबर पहले से फोन बुक में स्टोर है तो कॉलर का इंटरफेस थोड़ा अलग होगा। अगर नंबर स्टोर है और रिसीवर ने ट्रूकॉलर लास्ट सीन स्टेटस अपडेट को एक्टिव रखा है तो कॉलर को कॉल करने के बाद स्टेटस बार दिखेगा।

ट्रूकॉलर कॉल हिस्ट्री और इनबिल्ट डायलर

स्मार्ट कॉल हिस्ट्री फीचर से ट्रूकॉलर में कॉल हिस्ट्री में अनजान नंबर की जगह उनके वास्तविक नाम और चेहरे (उपलब्ध होने पर) दिखाता है, अगर आपके कॉन्टेक्ट में उनका नंबर सेव नहीं हो तब भी। इसके अलावा लाइव कॉलर आईडी के जरिए कॉल करने से पहले ही यह पता लग जाता है कि उस समय आपका कॉन्टेक्ट बात करने के लिए उपलब्ध है या नहीं। वहीं बिल्ट-इन-डायलर की मदद से ट्रूकॉलक के जरिए ही कॉल की जा सकती है। किसी नंबर को सर्च करना, कॉल हिस्ट्री जैसे विकल्प भी ऐप में ही मिल जाते हैं।

ट्रूकॉलर पे

ट्रूकॉलर पे में आप वर्चुअल पेमेंट एड्रेस बना सकते हैं। जिसका इस्तेमाल किसी भी यूपीआई आधारित ट्रांजेक्शन के लिए किया जा सकता है। अगर आपका बैंक यूपीआई को सपोर्ट करता है तो आप ट्रूकॉलर पे के ज़रिए पैसे भेज या रिसीव कर पाएंगे। आप इस वॉलेट से पेटीएम की तरह अलग-अलग किस्म के रीचार्ज कर पाएंगें, या टाटा स्काय अकाउंट को रीचार्ज कर सकेंगे। यूज़र चाहें तो ट्रूकॉलर पे के ज़रिए प्रीपेड का रीचार्ज और पोस्टपेड बिल का भुगतान कर पाएंगे। इस नए फ़ीचर को आईसीआईसीआई बैंक के साथ साझेदारी में पेश किया गया है।

सभी बैंकिंग और ट्रांजेक्शन डेटा को आईसीआईसीआई बैंक द्वारा मैनेज किया जाएगा। ट्रूकॉलर आपके अकाउंट का ब्योरा, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी नहीं स्टोर करता है। ट्रूकॉलर पे फ़ीचर ट्रूकॉलर ऐप का ही हिस्सा है। आपको अलग से कोई ऐप डाउनलोड या इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती। इसकी जगह आपको सिर्फ ट्रूकॉलर ऐप की ज़रूरत होगी। इसके बाद प्रोफाइल पेज में जाकर आप सेंड मनी थ्रू यूपीआई पर क्लिक करें। और फिर आप यूपीआई वीपीए या मोबाइल नंबर डालें। इसके बाद पे पर टैप करें। अब आपको भुगतान को यूपीआई पिन के ज़रिए मंजूरी देनी होगी। और इस तरह आप ट्रूकॉलर के जरिए पैसे भेज सकते हैं।

ट्रूकॉलर आईडी

ट्रूकॉलर ने मार्च में भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के साथ साझेदारी का ऐलान किया था। साझेदारी के बाद एयरटेल नेटवर्क पर चल रहे फ़ीचर फोन में भी ट्रूकॉलर का कॉलर आईडी काम करने की बात कही गई थी। और इसके लिए डेटा की भी ज़रूरत नहीं पड़ती। कंपनी के मुताबिक, कॉलर की ट्रूकॉलर के डेटाबेस से पहचान की जाती है। और इस जानकारी को एयरटेल ग्राहकों को फोन पर कॉल आने से पहले फ्लैश एसएमएस के ज़रिए भेजा जाता है।

एयरटेल और ट्रूकॉलर इस सेवा को सब्सक्रिप्शन के आधार पर देते हैं। इस सेवा का मकसद है कि यूज़र को स्मार्टफोन या डेटा सर्विस की ज़रूरत ना पड़ें। इसका नाम “एयरटेल ट्रूकॉलर आईडी” है। यह सेवा देशभर में अप्रैल से शुरू हो गई है। एयरटेल मोबाइल नेटवर्क के साथ फ़ीचर फोन इस्तेमाल करने वाले सभी यूज़र इस सेवा का फायदा ले सकते हैं।

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