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धीरज गुप्ता की रिपोर्ट
गया समाहरणालय सभाकक्ष में परिवहन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना पर जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में जिला परिवहन पदाधिकारी श्री जनार्दन कुमार ने बताया कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने तथा ऐसे क्षेत्रों में कमजोर वर्ग के युवक
युवतियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से परिवहन विभाग,बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना लागू की जा गयी है और इस योजना के तहत 4 सीटर से लेकर 10 सीटर तक के नए सवारी वाहनों की खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम एक लाख रुपए तक का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा और खरीदे गए वाहन का परिचालन पंचायत से प्रखंड मुख्यालय तक किया जाएगा।जिला परिवहन पदाधिकारी के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के अधीन प्रत्येक पंचायत के लिए अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के तीन तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग के दो बेरोजगार लाभुकों को सवारी वाहन खरीद हेतु अनुदान दिया जाना है अनुदान की राशि वाहन की खरीद मूल्य वाहन का एक्स-शोरूम मूल्य, तृतीय पक्ष बीमा एवं वाहन टैक्स तीनों को जोड़कर के ५० प्रतिशत तक की राशि अथवा अधिकतम एक लाख रुपए होगी।इस योजना के अंतर्गत निर्धारित वर्ग के लाभुक की उम्र आवेदन आमंत्रण की तिथि को २१ वर्ष होनी चाहिए एवं उसके पास कम-से-कम हल्के मोटरयान चालक की अनुज्ञप्ति होनी चाहिए और किसी सरकारी सेवा में नियोजित या पूर्व से किसी व्यवसायिक वाहन के मालिक इस योजना के लिए योग्य नहीं होंगे और किसी भी पंचायत के लिए लाभ प्राप्त करने हेतु लाभुक को उस पंचायत का निवासी होना अनिवार्य है आवेदक कार्यक्रम के अनुसार योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और ऑनलाइन आवेदन का लिंक परिवहन विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध है ऑनलाइन माध्यम से आवेदक को जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र,शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र,उम्र संबंधी प्रमाण पत्र,मोटर यान चलाने की अनुज्ञप्ति प्रति अपलोड करना अनिवार्य होगा।इच्छुक आवेदक अपने संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास अपना आवेदन समर्पित कर सकते हैं योजना के कुशल क्रियान्वयन हेतु प्रखंड,अनुमंडल एवं जिला स्तर पर समिति गठित की गयी है प्राप्त आवेदनों के आधार पर लाभुकों का चयन द्विस्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा और प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय समिति है जिसमें प्रखंड कल्याण पदाधिकारी सदस्य सचिव तथा ग्राम पंचायत पर्यवेक्षक सदस्य के रूप में होंगें और प्रखंड स्तरीय समिति वरीयता सूची को विचारोपरान्त अनुमंडल स्तरीय समिति को अंतिम चयन हेतु अनुशंसित करेगी।अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अनुमंडल स्तरीय समिति में अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी सदस्य सचिव,कार्यपालक दंडाधिकारी सदस्य एवं मोटर यान निरीक्षक विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में रहेंगे और अनुमंडल स्तरीय समिति द्वारा आवेदनों पर विचार कर रिक्ति एवं योग्यता के अनुसार लाभुकों के चयन को स्वीकृति दी जाएगी और स्वीकृत लाभुकों की सूची एवं प्रतीक्षा सूची को प्रखंड कार्यालय में प्रकाशित किया जाएगा और प्राप्त आपत्तियों की सुनवाई अनुमंडल स्तरीय समिति के द्वारा की जायेगी और प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा चयनित लाभुकों को स्वीकृति पत्र निर्गत किया जाएगा,जिसे विकास मित्र के माध्यम से तामिला कराया जाएगा और अनुमंडलीय समिति द्वारा अंतिम रूप से चयनित तथा स्वीकृति पत्र प्राप्त लाभुक अपनी स्वेच्छा से निर्धारित मॉडल का कोटेशन वाहनों के अधिकृत डीलर से प्राप्त कर प्रखंड कार्यालय में प्रस्तुत करेंगें और लाभुक को यह अधिकार होगा कि वित्त पोषण हेतु मान्यता प्राप्त बैंक या वित्तीय संस्था का चयन वह स्वयं करे और यदि इस मामले में लाभुक को कोई कठिनाई होगी तो संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी उस क्षेत्र के व्यवसायिक बैंक या अन्य मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थान से वित्त पोषण हेतु पहल करेंगे और जिला स्तर पर इस योजना का अनुश्रवण जिला पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा और इस योजना की निरंतर समीक्षा एवं इससे संबंधित किसी भी विवाद की सुनवाई हेतु जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी, जिसमें उप विकास आयुक्त, जिला परिवहन पदाधिकारी एवं जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक सदस्य के रूप में तथा जिला कल्याण पदाधिकारी सदस्य सचिव के रूप में रहेंगे और विवाद की स्थिति में जिला पदाधिकारी का निर्णय अंतिम होगा।जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि योजना के तहत खरीदे गए वाहन को लाभुक द्वारा ५ वर्षों तक बिना अनुमंडल पदाधिकारी की लिखित स्वीकृति के बिक्री नहीं किया जा सकेगा। वाहन पारिवारिक उत्तराधिकार के तहत हस्तांतरित हो सकेगा।