नई दिल्ली (21 जुलाई): भारतीय सेना के लिए अच्छी खबर है। आने वाले दिनों में भारतीय सेना को सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी का मिसाइल मिलने जा रही है। इस कड़ी में DRDO और सेना ने एक समझौता किया है। DRDO इस मिसाइल का निर्माण इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज यानी IAI के सहयोग से करेगा। पीएम  मोदी की इजरायल यात्रा के तुरंत बाद इस प्रॉजेक्ट का परवान चढ़ना अहम है। यह प्रॉजेक्ट मेक इन इंडिया के लिए भी अहम होगा, क्योंकि मिसाइल सिस्टम के ज्यादातर उपकरण स्वदेशी होंगे। इस प्रोजेक्ट में भारत के डिफेंस पीएसयू और प्राइवेट इंडस्ट्री को भी हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।

इजराइल की सरकारी कंपनी  IAI ने अप्रैल में जानकारी दी थी कि सेना को यह मिसाइल उपलब्ध कराने के उसने 1.6 अरब डॉलर यानी तकरीबन 10298 करोड़ रुपये के कांट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं।

बताया जा रहा है कि MRSAM 50 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी के कई हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। यह दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल, विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, सर्विलांस विमान और अवाक्स विमान को मार गिराने में सक्षम है। सेना अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए लंबे समय से सरकार से MRSAM उपलब्ध कराने की मांग कर रही थी। इस मिसाइल के मौजूदा संस्करण का वायुसेना और नौसेना में उपयोग किया जा रहा है।

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