आज अटल जयंती है। ऐसे में जहां देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व विपक्ष के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने श्रद्धांजलि दी है वहीं राष्ट्रपति व उप राष्ट्रपति समेत अनेकपक्ष विपक्ष के नेता भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं। भला ऐसे में अनुभवीआँखें न्यूज उन्हें कैसे भूल सकता है। आपको बता दें
अनुभवीआँखें न्यूज का सफर 1995 में आरंभ हुआ था और उसी वर्ष अटलबिहारी वाजपेयी जी का पत्र अनुभवीआँखें को मिला जो हमारे लिए अनमोल भी है और
अटल जी के पत्र अनुभवीआँखें के नाम हमारा मार्ग प्रशस्त भी करता है। 1997 में पुनः अटलबिहारी वाजपेयी जी का पत्र अनुभवीआँखें को मिला जो हमारे मृत शरीर में प्राण फूंकने जैसा था। अटलजी हमारे मार्गदर्शक थे। हमारा उनको शत् शत् नमन्।
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