अररिया) फारबिसगंज :– ऐतिहासिक काली पूजा मेला अपना धरोहर खोता जा रहा है। बताया जाता है की फारबिसगंज के ऐतिहासिक काली मेला किसी जमाने मे काफी नाम होता था।क्योंकि सोनपुर मेले के बाद फारबिसगंज में ही दूसरा सबसे बड़ा मेला लगता था। और काफी दूर दराज के लोग यहाँ मेला देखने के लिए आते थे। और पड़ोसी देश नेपाल के लोग भी यहाँ की मेला देखने के लिए आते थे। क्योंकि उस समय यह मेला काफी बड़ा होता था। जानकारो का कहना है की पशुओं के लिए भी उस समय टेंडर होता था। और बड़े बड़े झूला सर्कस सहित कई अन्य चीजें इस मेले की शोभा बढ़ाते थे।

लेकिन वर्तमान समय मे सब कुछ बदल गया है। अब काली मेला को बचाने की चुनौती ही प्रशासन के सामने क्योंकि अभी मेला ग्राउंड कचड़े का डंपिंग जॉन बन गया है। नगर परिषद भी पूरा शहर का कचरा इसी मेला ग्राउंड में लाकर फेंकते है। वहीं कचड़े में बदबू आती है। जिससे यहाँ के लोगों को भी काफी परेशानी होती है। जिसे लेकर कई जनप्रतिनिधि सहित वार्ड 1 के पार्षद द्वारा भी आवाज उठाया गया। लेकिन आजतक उस पर अमल नही हुआ। मामला जस का तस है। एवं कुछ लोगो के द्वारा मेले की जमीन पर अतिक्रमण भी कर लिया गया है। जिस कारण से ऐतिहासिक काली मेला का अपना अस्तित्व खतरेे में है। updated by gaurav gupta 

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