नई दिल्ली । वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा फैसले लेने में लगातार जल मंत्री को नजरंदाज किए जाने से नाराज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब स्वयं इस विभाग की जिम्मेदारी संभालने का फैसला लिया है। फरवरी 2015 में मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब वे कोई विभाग अपने पास रखेंगे।
सूत्रों का कहना है कि जल बोर्ड को लेकर आ रही अधिक शिकायतों को लेकर वह जल वितरण व्यवस्था को अधिक बेहतर किए जाने के पक्ष में हैं। बवाना उपचुनाव को लेकर लगभग दो माह तक जनता के बीच रहने के दौरान लोगों ने उनका ध्यान पानी की समस्या को लेकर अधिक खींचा। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया था कि चुनाव के बाद लोगों को पानी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पर काम तेजी से होगा।
वहीं सीवर टैंकों की सफाई में लगातार हो रही मौत को लेकर अधिकारियों पर शिकंजा कसने के लिए केजरीवाल स्वयं आगे आ गए थे। उन्होंने इस मामले में अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। स्वास्थ्य विभाग के बाद जल बोर्ड ऐसा विभाग है जहां केजरीवाल सीधे तौर पर चीजों को देख रहे थे। जनता को पानी उपलब्ध कराना व सीवर से संबंधित समस्याओं का निराकरण केजरीवाल की प्राथमिकता होगी।
बता दें कि करीब तीन महीने पहले ही जल बोर्ड की जिम्मेदारी केजरीवाल ने राजेंद्र पाल गौतम को सौंपी थी। बताया जा रहा है कि केजरीवाल ने अपने फैसले की जानकारी देने के लिए शनिवार को उनके निवास पर मुलाकात की थी।
यह भी बताया जा रहा है कि जल बोर्ड से गौतम को हटाए जाने के पीछे लाजपत नगर में सीवर की सफाई के दौरान मारे गए मजदूरों के मामले में कार्रवाई को लेकर उनका लचर रवैया भी रहा है। गौतम के पास अब गुरुद्वारा चुनाव, एससी/एसटी, समाज कल्याण विभाग व को-ऑपरेटिव सोसायटियों से संबंधित मामले रहेंगे।
कपिल मिश्रा ने साधा निशाना
जल मंत्री के पद से राजेंद्र पाल गौतम हो हटाए जाने की सुगबुगाहट के बीच दिल्ली की ‘आप’ सरकार से बर्खास्त पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजेंद्र पाल गौतम को तीन माह के अंतराल में ही हटाया जा रहा है और अब मुख्यमंत्री स्वयं इस विभाग के मंत्री होंगे।
कपिल ने सवाल उठाया है कि क्या कारण हैं कि तीन महीने के अदर ही गौतम से कार्यभार लिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इन तीन महीनों में मेरे खिलाफ 2 जांच करवाई और दोनों जांच में कुछ भी नहीं निकल पाया। यही कारण है कि गौतम से केजरीवाल काफी नाराज थे।