प्रमुख ज्योतिर्लिगों में से एक मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में श्रवण मास के तीसरे सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकली गई. ऐसा माना जाता है कि महाकाल उज्जैन के राजा हैं और वे श्रवण मास के सोमवार को अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं. श्रावण मास के तीसरे सोमवार को बाबा महाकालेश्वर की सवारी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सपत्नीक साधना सिंह के साथ शामिल हुए.
उन्होंने सवारी के पूर्व महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल का पूजन-अर्चन किया. पूजन-अर्चन में उनके माता-पिता तथा उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह भी शामिल हुए. उसके बाद उन्होंने भगवान महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ सवारी में झांझ-मजीरे बजाते हुए भगवान महाकाल के गुणगान करते हुए चले. श्रावण माह के तीसरे सोमवार को भगवान महाकालेश्वर पालकी में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित थे.
पालकी मंदिर के जैसे ही मुख्यद्वार पर पहुंची, वहां पर भगवान महाकाल को सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने सलामी दी. सवारी मार्ग के दोनों ओर हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन कर पुष्प अर्पित कर पुण्य लाभ कमाया. सभी ने महाकाल से मंगल कामनाएं की.
मान्यता है कि महाकाल सावन के सोमवार को अपनी प्रजा का हाल जानने निकलते हैं, उसी क्रम में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को महाकाल प्रजा का हाल जानने निकले. सभा मंडप में विधिवत पूजन-अर्चन पंडित घनश्याम पुजारी ने संपन्न कराया.
महाकालेश्वर सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची. महाकाल मंदिर से रामघाट तक मुख्यमंत्री एवं उनकी पत्नी सवारी के साथ-साथ चल रहे थे. रामघाट पर भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक कर पूजन-अर्चन किया गया. उसके बाद सवारी महाकालेश्वर मंदिर को लौटी.