नई दिल्ली: सीबीआई का दुरुपयोग करने के कांग्रेस, राजद के आरोपों को खारिज करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि इस विषय को 2008 में शरद यादव, ललन सिंह जैसे जदयू नेता तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष उठा चुके हैं और लालू प्रसाद को राजनीतिक बयानबाजी करने की बजाए भ्रष्टाचार के मामले में कानून का सामना करना चाहिए . सुशील मोदी ने कहा कि राजग सरकार के मंत्रियों- नेताओं से पैरवी नाकाम होने के बाद लालू प्रसाद को एहसास हो गया है कि बेनामी संपत्ति के मामले में उनका जेल जाना तय है. इसकी खींझ उतारने के लिये रैली के बहाने पटना को भीड़ के हवाले करने की साजिश रची जा रही है. छापे की जो कार्रवाई हो रही है, उसमें लालू प्रसाद को आगे आकर बिन्दुवार जवाब देना चाहिए ना कि और बयानबाजी.

सुशील मोदी ने दावा किया कि जिस मामले में सीबीआई की कार्रवाई हुई है,  उसे पहली बार नौ वर्ष पूर्व 12 अगस्त 2008 को जदयू के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने उजागर किया था. जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव इस विषय को उठा चुके हैं. उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जदयू नेता शरद यादव और ललन सिंह ने ज्ञापन सौंप लालू प्रसाद पर कार्रवाई की मांग की थी. भाजपा नेता ने सवाल किया कि नीतीश कुमार बताये कि किसके दबाव में कानून को अपना काम नहीं करने दिया गया ? सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सीबीआई की छापेमारी से साबित हो गया है कि लालू परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त है और अब नीतीश कुमार को इस मामले में फैसला लेना चाहिए.

उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की. सुशील मोदी ने कहा कि हम मांग करते है कि सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री तत्काल तेजस्वी यादव को बर्खास्त करें. उन्होंने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार पर भरोसा है कि वे सही निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर स्वीकार किया कि पटना में लालू परिवार का करोड़ों रूपये की लागत से बनने वाला मॉल पर्यावरण कानून का उल्लंघन कर बन रहा था. इसकी मिट्टी अवैध तरीके से चिड़ियाघर को बेची गई. भाजपा नेता ने कहा कि लालू प्रसाद ने जो किया है, वही वह भोग रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई के छापे का राजद की रैली से कोई लेना देना नहीं है. लालू यादव आरोप लगाना छोड़, तथ्यों का जवाब दें.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बहस मेरिट पर होनी चाहिए. उन्होंने राजद नेताओं को सलाह दी कि वे तथ्यों का जवाब दें. आज की स्थिति यह है कि लालू प्रसाद बिहार के सबसे बड़े जमींदार की हैसियत बना चुके हैं. उन्हें बताया चाहिए कि यह सब किस प्रकार से हासिल किया. उन्होंने कहा कि चारा घोटाले के समय भी लालू प्रसाद ऐसी ही बयानबाजी कर रहे थे और उन्हें अपनी सरकार के दौरान इस मामले में जेल जाना पड़ा था.  उन्होंने सवाल किया ‘क्या भ्रष्टाचार जैसे मामलों में सरकार राजद की रैली होने तक कोई कार्रवाई नहीं करे ?  रैली का भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई से कोई लेना-देना नहीं होता है.’

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती और उनके पति के दिल्ली स्थित तीन फार्महाउसों और उनसे संबंधित  एक फर्म पर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग  के एक मामले की जांच के तहत छापे मारे. एक दिन पहले ही सीबीआई ने लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के कुछ सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इस कार्रवाई पर लालू प्रसाद अपने बयान में कह चुके हैं कि वह भाजपा की गीदड़ भभकी से डरने वाले नहीं हैं, वह देश बचाना चाहता हैं. इसलिए भाजपा भगाना चाहता हैं और भाजपा उनको भगाना चाहती है.

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