नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को उस व्यक्ति की कोई वित्तीय मदद नहीं करने के लिए केन्द्र और दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया जिसकी एचआईवी संक्रमित होने के बाद एक निजी अस्पताल ने सेवाएं खत्म कर दी थीं.

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पाली की पीठ ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार उस व्यक्ति के प्रति जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते जिसने एचआईवी संक्रमित होने के कारण अपनी नौकरी गंवा दी.

अदालत ने कहा कि संबंधित अधिकारी को राजधानी के किसी सरकारी अस्पताल में उसका उचित इलाज भी सुनिश्चित करना चाहिए.

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