जहानाबाद/बिहार(संवाददाता अनिल कुमार गुप्ता) – भेवड़ के पीड़ित परिवार और ग्रामीणों को फर्जी मुकदमा में फंसाने के खिलाफ होगा आंदोलन।
जहानाबाद प्रखंड के भेवड़ गांव के 12 वर्षीय निरंजन कुमार पिता जितेंद्र चौधरी की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। ज्ञात हो कि लाश 4 दिन बाद मिली थी। हाथ काट गला दबा कर बर्बर व
अमानवीय तरीके से की गई हत्या के खिलाफ ग्रामीणों में गुस्सा था। छात्र के अपहरण की सूचना थाना को देने पर थाना अध्यक्ष द्वारा परिजनों एवं ग्रामीणों को यह कह कर कि तुम्हारा बेटा है तुम खोजो भगा दिया था। लाश मिलने के बाद ग्रामीण बड़े पदाधिकारियों की बुलाने की मांग कर रहे थे। अपनी गलती की लीपापोती करने के लिए थाना प्रभारी जबरन लाश उठाने की कोशिश करने लगे।जिसका विरोध ग्रामीणों द्वारा लगातार किया जा रहा था। पुलिस द्वारा ग्रामीणों पर लाठीचार्ज भी किया गया। लेकिन बड़े पदाधिकारियों के वहां पहुंचने पर ही लाश पोस्टमार्टम के लिए आया।
ग्रामीणों की मांग थी कि प्रभारी थाना प्रभारी के लापरवाही के कारण बच्चे की हत्या हुई है। पुलिस अगर अपनी गतिविधि तेज कर खोजने का प्रयास करती तो निरंजन कुमार की जान बचाई जा सकती थी। इसलिए इनके थाना अध्यक्ष रहते हत्यारों का पता भी नहीं लगाया जा सकता है। लापरवाही के लिए थाना प्रभारी पर कड़ी कार्रवाई किया जाए।इस मांग से बौखलाए थाना प्रभारी ने पोस्टमार्टम के बाद ठंडे दिमाग से डेढ़ दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों पर नामजद तथा कई अज्ञात पर मुकदमा कर दिया। पुलिस की यह कार्रवाई निंदनीय है।
भेवड़ गांव में तमाम ग्रामीणों की बैठक पार्टी नेताओं ने किया। बैठक में ऐपवा नेत्री कामरेड कुन्ती देवी, जिला कमेटी सदस्य अरुण सिंह यादव, पूर्व मुखिया कामरेड निरंजन सिंह आदि मौजूद थे।
नेताओं ने मांग किया है कि भेवड़ के निर्दोष गरीबों और पीड़ित परिवार पर से मुकदमा वापस लिया जाए एवं दोषी कडौना थाना प्रभारी पर कड़ी कार्रवाई किया जाए। नेताओं ने कहा कि कडौना थाना मनमानी और दमन के लिए कुख्यात हो गया है।रोड़ पर चुंगी वसूली करने और दलितों, गरीबों पर दमन चलाने के अलावा कडौना थाना प्रभारी को कोई काम नहीं रह गया है। पुलिस दमन और नीतीश सरकार के भेदभाव एवं अन्याय के खिलाफ पूरे इलाके में अभियान चलाते हुए आंदोलन तेज किया जाएगा।
updated by gaurav gupta