दिलों में संवेदनाएँ बाकी हैं क्योंकि….हम सब भारतीय हैं-
73वें गणतंत्र दिवस पर हर भारतवासी का सहायता संकल्प-
भूखों को खाना खिलाकर बनें, बेसहारों को सहारा-
दिल्ली – देश के सम्मान व गौरव से जुड़े एक खास ऐतिहासिक दिन यानी गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर भारतवासी देश की एकता, अखंडता और विकास के संकल्प की सोच के साथ आगे बढ़ते हैं और इस बात का जश्न मनाते हैं कि हम सब भारतीय हैं। इस साल 73वें गणतंत्र दिवस पर इस्कॉन, द्वारका, नई दिल्ली ने भी एक ऐसी ही सोच के साथ चलने का निर्णय लिया है, जिससे सबकी सहायता के साथ सबका विकास हो। यह साथ मेरा, आपका और हम सबका एकजुटता के साथ होगा। कोई अपने को अकेला, असहाय और खाने को लाचार न समझे, भूख से न तड़पे।
गणतंत्र दिवस के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ जिसने हमें गौरव प्रदान किया कि हम इसी लीक पर आगे बढ़ते रहें और असीम विकास करें। ऐसा ही गौरव हमें हमारा धार्मिक ग्रंथ ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ भी देती है, जिस पर हर दिन हाथ धर कर यह शपथ ली जाती है कि हम सत्य की राह पर खड़े हैं। बस इस सुनहरे अवसर पर हमें उसी सत्य को साकार करना है कि जो संकल्प लेंगे उसे पूरा करके दिखाएँगे। अगर देश और समाज की सहायता के लिए भुखमरी को मिटाने या भूखों को खाना खिलाने का संकल्प लिया है, तो उसमें अपना (चाहे तिनके भर का) सहयोग अवश्य देंगे। हमें नहीं भूलना चाहिए कि बूँद-बूँद से घड़ा भरता है। चिड़िया भी तिनका-तिनका जोड़कर घर बनाती है। हमें भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को एकत्रित कर मंदिर निर्माण में सहयोग करना चाहिए और सुदामा सेवक बनने का भी संकल्प लेकर वैदिक ज्ञान के केंद्र श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर को जल्द से जल्द पूर्ण करने का प्रण लेना चाहिए। देश की भलाई के लिए जन-जन में भगवद्गीता का प्रचार करने का संकल्प ले सकते हैं ताकि भगवान कृष्ण की वाणी से लोग लाभान्वित हो सकें। जीवन जीने के लिए अपने लिए कुछ नियम बनाएँ और उन पर चलकर अपनी राह को आसान करें, जिसे सुनकर अर्जुन ने महाभारत के युद्ध क्षेत्र में मार्गदर्शन प्राप्त किया था।
यदि आपके घर में गीता उपलब्ध नहीं है तो मंदिर के पुस्तक केंद्र से ले सकते हैं। ऐसा करके आप सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि समाज के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हैं कि अभी दिलों से संवेदनाएँ शून्य नहीं हुई हैं। अपनों की मदद के लिए दिल आज भी धड़कता है। आप भी अपने दिल की पुकार सुनिए, सहायता संकल्प में साथ आइए और देश व समाज के प्रति अपना कर्तव्य निभाएँ।
जहाँ देशभक्ति, समाज और राष्ट्र के प्रति ऐसी भावना की लहर हो वहाँ उत्सव का माहौल अपने आप बन जाता है और हमें इसे धूमधाम से मनाना चाहिए। द्वारका इस्कॉन ने सहायता संकल्प अभियान के साथ-साथ इस अवसर पर बच्चों और युवाओं के लिए आकर्षक व्यवस्थाएँ की हैं। बच्चे अपनी पसंद के ट्राई कलर में बने व्यंजनों का लुत्फ ले सकते हैं जैसे केक, पेस्ट्री, सैंडविच, पिज़्ज़ा, ड्राई केक, मफिन्स आदि भी ट्राई कलर में होने के कारण आकर्षक दिखेंगे। अन्य मिठाइयाँ भी ट्राई कलर में मिलेंगी। गोविंदा रेस्तराँ में अधिकांश भोग व्यंजन भी ट्राई कलर में होंगे।
गौरतलब है कि लोगों में देशभक्ति के भावों को जगाने के लिए भगवान की पोशाक का रंग नारंगी (ऑरेंज), सफेद (व्हाईट) और हरा (ग्रीन) रहेगा ताकि वे भगवान के दर्शन कर यह प्रेरणा ले सकें आख़िर देश व समाज के प्रति भी लोगों का कुछ कर्तव्य बनता है और वे अपने पथ से विमुख नहीं होंगे। भगवान को भोग भी ट्राई कलर में लगेगा और इस प्रकार आप दिव्य प्रसादम का आनंद ले सकेंगे। शाम को 5 बजे से रात 9 बजे तक मंदिर में कीर्तन मेला का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें हरि नाम यानी हरे कृष्ण महामंत्र की महिमा का गुणगान होगा। इसका सीधा प्रसारण यूट्यूब पर लाइव किया जाएगा।
वंदना गुप्ता
updated by gaurav gupta