बनमनखी(पूर्णियाँ) – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरे बिहार में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्ध करने के विरुद्ध आज काला दिवस के रूप में मनाया जिसमे पूरे बिहार के हजारों छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य शशि शेखर कुमार ने कहा है की STET की परीक्षा रद्ध करना बिहार के हजारों छात्रों के भविष्य के साथ सरकार ने खिलवाड़ किया है। सरकार पुनर्विचार करे। अन्यथा परिषद चरणबध्द आंदोलन करने को बाध्य होगी। राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद् सदस्य शशि शेखर कुमार ने कहा STET एग्जाम कैंसिल के मामले में माननीय हाई कोर्ट का डिसिजन जब 22 मई को आना था तो कोर्ट के डिसिजन से पहले बोर्ड के द्वारा एग्जाम कैंसिल क्यों? स्कूल में नए बहाली को रोकने का प्रयास क्यों?
बिहार के 2950 नये हाई स्कूल में 9वीं की पढ़ाई इस सेशन 2020 से ही शुरू करने का सरकार के द्वारा आदेश , तो बिना शिक्षक बहाली के नए स्कूल में पढ़ाई कैसे? प्राथमिक को मध्य, मध्य को हाई तथा हाई स्कूल को इंटर स्कूल में उत्क्रमित करने का आदेश , बिना शिक्षक बहाली के तो पढ़ाई कैसे, लॉक डाउन के कारण लाखों बेरोजगार युवकों को बिहार में ही रोजगार मिल जाता लेकिन शिक्षक बहाली रोकना आखिर क्यों? हाई स्कूल में रिटायर्ड शिक्षक से पुनः सेवा लेना क्यों जरूरी? कम से कम उतना नये युवकों को रोजगार मिल सकता। उच्च शिक्षा जैसी बर्बादी का षड्यंत्र प्राथमिक शिक्षा में भी क्यों? शिक्षा का राजनीति करण क्यों?प्राथमिक , मध्य, हाई,एवम इंटर स्कूल में शिक्षकों की बहाली कब तक ?
श्री कुमार ने कहा की STET की परीक्षा रद्द करने का निर्णय गलत था। बिहार शिक्षा व्यवस्था -भ्रष्ट तंत्र के आगे नतमस्तक हो गई है जिसका परिणाम है कि लाखों युवाओं के भविष्य की परवाह किये बिना परीक्षा रद्द करने का आत्मघाती निर्णय लिया गया शशि शेखर कुमार के कहा आठ वर्षों के बाद STET की परीक्षा आयोजित हुआ । ढाई लाख से अधिक अभियर्थियों ने आवेदन दिया ।प्रदेश के वेवश लाचार युवाओं को उनके बदहाली पर छोड़ने के लिए परीक्षा रद्ध करने का निर्णय हुआ। उन्होंने कहा सुनियोजित तरीके से एक तरफ 34000 पदों पर शिक्षकों की बहाली को लेकर अधिसूचना जारी की वही दूसरी ओर STET की परीक्षा रद्द किया। इस पर प्रकरण में गहरी साजिश प्रतीत हो रही है। राज्य सरकार अविलंब अपने तुगलकी फरमान को वापस लें अन्यथा अभाविप कार्यकर्ता चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी । updated by gaurav gupta