—इस्कॉन द्वारका का प्रशंसनीय प्रयास
-मानव जीवन की ‘लाइफ मैनुअल’ श्रीमद्भगवद्गीता को अपनाएंगे तिहाड़ के कैदी
इस्कॉन द्वारका ने तिहाड़ जेल में कैदियो की मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उनकी आध्यात्मिक उन्नति एवं ज्ञानवर्धन के लिए इस्कॉन द्वारका के उपाध्यक्ष अमोघ लीला प्रभु ने कार्यक्रम का संचालन किया। इसमें उन्होंने बताया कि किस तरह अपने मन-मस्तिष्क के नकारात्मक विचारों को दूर करके शांति को अपनाएं। उनकी प्रतिदिन की गतिविधियाँ इस प्रकार हो कि वे सकारातमक दिशा की ओर प्रेरित हो। मंदिर के भक्तगणो ने हरि नाम संकीर्तन भी किया।
इस अवसर पर कैदियों को हरे कृष्ण महामंत्र के महत्त्व के बारे में बताया गया। उनको हरिनाम के लिए जप माला भी वितरित की गई। तिहाड़ जेल के पुस्तकालय में श्रीमद्भगवद्गीता उपलब्ध करवायी गयी, ताकि यहाँ के कैदी इसका पाठ पढ़ सके यह मात्र भगवान कृष्ण के उपदेश नहीं, यह मनुष्य जीवन को सुधारने का ‘लाइफ मैनुअल’ है इसलिए वे अगर इसके कुछ अंश को भी अपनाते हैं तो उनके जीवन में सुधार होने की संभावना है।
इस कार्यक्रम में 1200 कैदियों ने भाग लिया, व कई विशिष्ट जन उपस्थित थे। इसमें अमोघ लीला प्रभु के अतिरिक्त श्री गौर प्रभु, दयालु गोविंद प्रभु, हरिदास चैतन्य प्रभु एवं सचिनन्दन गौर प्रभु भी उपस्थित थे। इस भव्य कार्यक्रम के अंत में सबके लिए, प्रसादम भी वितरित किया गया।
updated by gaurav gupta