नई दिल्ली: कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के बॉयकॉट के बाद जीएसटी मीटिंग के दौरान संसद के सेंट्रल हाल में दलों की उपस्थिति और नेताओं एवं गणमान्य व्यक्तियों की सिटिंग चर्चा का विषय रही. मसलन अग्रिम पंक्ति की एक सीट पर लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और एनसीपी के नेता शरद पवार को एक साथ बैठे देखा गया. वाम दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया था लेकिन पश्विम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री एवं सीपीएम नेता असीम दासगुप्ता मौजूद थे.
असीम दासगुप्ता जीएसटी पर गठित राज्यों के वित्त मंत्रियों के पैनल के अध्यक्ष भी रहे हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनकी तारीफ करते हुए उनको जीएसटी के मसले पर अपना गुरू कहा. असीम दासगुप्ता के पड़ोस में रतन टाटा और विजय केलकर मौजूद थे. विजय केलकर उस कमेटी के चेयरमैन थे जिसने 2003 में सबसे जीएसटी लाने की सिफारिश की थी.
शरद पवार की तरफ सपा की तरफ से रामगोपाल यादव भी अंग्रिम पंक्ति में बैठे थे. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पीएम मोदी के बगल मंच पर उपस्थित थे. हालांकि आमंत्रण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी मिला था लेकिन उनकी पार्टी कांग्रेस ने बॉयकॉट का फैसला किया था. लिहाजा मनमोहन सिंह कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए.
अक्सर बीजेपी की नीतियों का विरोध करने वाली शिवसेना के सभी सांसद उपस्थित थे. इसके नेता अनंत गीते और आनंदराव अदसुल बीजेडी के भर्तृहरि महताब के साथ अंग्रिम पंक्ति में मौजूद थे. आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल भी कार्यक्रम में उपस्थित थे. उनके अलावा आएसएस से संबद्ध एस गुरुमूर्ति और जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू की उपस्थिति भी चर्चाओं का सबब बनी. दरअसल हसीब द्राबू की पार्टी पीडीपी ने शुरुआत में जीएसटी का विरोध किया था.