नई दिल्ली: बिहार में तेजस्वी यादव के इस्तीफे से शुरू हुआ घमासान नया मोड़ ले चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार शाम को सहयोगी राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर मतभेद के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इससे 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद बना महागठबंधन टूट गया. नीतीश की पार्टी अब भाजपा के साथ सरकार बनाएगी. भाजपा और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) 4 साल बाद एक फिर साथ आ गए हैं और 17 साल पुरानी दोनों पार्टियों की टूटी दोस्ती एक फिर जुड़ गई है.

16 जून 2013 को दोनों पार्टियों की दोस्ती टूटी गई थी. दोनों पार्टियों ने इसी दिन अलग होने का फैसला किया था. अब भाजपा और जदयू दोनों ने 26 जुलाई 2017 को एक बार फिर साथ आने का ऐलान किया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू के प्रदर्शन से नाखुश होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था. हालांकि बाद में ऐसी राजनीतिक परिस्थिति पैदा हो गई की मांझी को इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद एक बार फिर नीतीश कुमार ने फरवरी 2015 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उस समय उन्हें राजद और कांग्रेस का साथ मिला. 2015 के विधानसभा चुनाव के पहले जदयू, राजद और कांग्रेस का महागठबंधन बना. नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता चुने गए और महागठबंधन की बड़ी जीत हुई.

नीतीश शपथ लेंगे, लालू कोर्ट में पेश होंगे 

लालू यादव की चारा घोटाले के मामले में 27 से 29 जुलाई तक सीबीआई की विशेष अदालत में रांची में पेशी है. पेशी के लिए वह बुधवार देर रात रांची के लिए निकल गए थे. कोर्ट के निर्देश के कारण उन्हें वहां सशरीर उपस्थित रहना होगा. जिन मामलों में लालू पेश होंगे वह मामला चाईबासा, देवघर, और दुमका कोषागार से अवैध और अतिरिक्त निकासी का है.

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