मुंबई: महाराष्ट्र में किसानों की हड़ताल शनिवार सुबह 4 बजे ख़त्म की गई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास पर हुई बैठक में यह फैसला हुआ. आंदोलनकारी किसान और मुख्यमंत्री के बीच रात में 5 घंटों तक यह बैठक चली. बैठक में लिए प्रमुख फैसले कुछ इस तरह हैं.
फैसला लिया गया कि छोटे किसानों की कर्ज़माफ़ी के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी. 31 अक्टूबर से पहले इस पूरे मामले पर फैसला लिया जाएगा.
MSP से कम दाम देना गुनाह माननेवाला कानून महाराष्ट्र विधानसभा के आगामी मॉनसून सत्र में पास किया जाएगा. दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय होगा. 20 जून तक इसका फैसला लिया जाएगा. बिजली बिलों में रियायत के लिए पहल होगी. बिजली बिल पर लगा ब्याज और जुर्माना माफ़ होगा.
आंदोलन के दरम्यान किसानों के खिलाफ़ दर्ज़ हुए मामले वापस होंगे. लेकिन, हिंसा करनेवालों के खिलाफ़ कार्रवाई जारी रहेगी. आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसान अशोक मोरे के परिजनों को वित्तीय सहायता दी जाएगी. बैठक में लिए फैसलों की जानकारी मुख्यमंत्री फड़णवीस ने खुद मीडिया को दी. जबकि, आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान क्रांति संगठन के नेता जयाजी सुर्यवंशी ने मुख्यमंत्री के साथ बातचीत को सकारात्मक बताया है और उम्मीद जताई है कि वे अपने बयानों पर खरे उतरेंगे.
हालांकि, आंदोलन वापस लेने की घोषणा के साथ किसानों के नेताओं में फूट स्पष्ट हो चुकी है. महाराष्ट्र किसान यूनियन के सचिव अशोक नवले ने किसान हड़ताल वापस लेने के फैसले को असमाधानकारक बताया है. नवले ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री फड़णवीस ने किसानों की सम्पूर्ण कर्ज़माफ़ी करने के संदर्भ में कोई भी फैसला नहीं लिया. जो भी ऐलान हुए हैं वो ठोस नहीं हैं.
वैसे, इस फूट के बावजूद आंदोलन वापसी के फैसले पर असर होता नहीं दिख रहा. जबकि, मंडियों में नियमित आवक शुरू होने के लिए रविवार तक इंतजार करना पड़ सकता है.