बेतिया – मनीष कश्यप जो धीरे-धीरे ही सही पर पूरे बिहार के युवाओं के रोल मॉडल बन चुके हैं। छोटे से उम्र में उन्होंने बड़े बड़े करनामें करके दिखाएं हैं। उनका कार्य करने का तरीका गलत हो या सही लेकिन लोग उनके कार्य को खूब पसंद करते हैं। श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराना हो या पटना के लहासा मार्केट में घुसकर आतंकियों का समर्थन करने वाले कश्मीरियों को भगाना हो या बेतिया हॉस्पिटल में स्थित क्रूर अंग्रेजी शासक की मूर्ति तोड़ ना हो। यह सारे कार्य के वजह से ही लोगों के नजर में धीरे धीरे हीरो बन गए मनीष कश्यप। अब इन्हीं सारे कामों को देखते हुए शिवसेना ने उन्हें बिहार का सबसे कम उम्र का लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया है। पश्चिमी चंपारण लोकसभा में आग मनीष कश्यप दूसरे पार्टियों के पुराने प्रत्याशियों को कड़ा टक्कर दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो इनकी पूछो मत सबसे आगे चल रहे हैं। इनके आलोचक पहले इन्हें वीडियो बाबू कहते थे पर धीरे धीरे वीडियो ही ताकत हो गई। इनका बहुत सा वीडियो फेसबुक और यूट्यूब पर करोड़ों में लोग देखते हैं। क्योंकि इनके वीडियो में समाज के लिए एक अच्छा संदेश रहता है। मनीष कश्यप ने कहा कि इनका प्रमुख मुद्दा राष्ट्रवाद और हिंदू वाद दोनों रहेगा। इनके आने से पश्चिमी चंपारण लोकसभा का चुनाव बहुत रोमांचक हो चुका है। जो लोग पहले जातिवाद के नाम पर वोट देते थे वह अब कह रहे हैं इस बार एक युवा को मौका देंगे। मनीष ने खासकर शिवसेना, दीपेश सिंह और अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया और कहा अगर यह नहीं होते तो आज मैं इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाता। दीपेश सिंह ने कहा बहुत सी पार्टियां मनीष को बेतिया लोकसभा का टिकट देने के लिए मुझसे संपर्क कर रही थी पर मनीष की छवि के अनुसार शिवसेना सबसे अच्छी पार्टी रहे। राष्ट्रवाद और हिंदूवाद की बात शिवसेना भी करती है। इसलिए मनीष बेतिया लोकसभा का चुनाव शिवसेना पार्टी से लड़ेंगे।रिपोर्ट – गोलू शुक्ला, updated by gaurav gupta

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