चंदौली(उत्तर प्रदेश) – आदिवासियों और परम्परागत वन निवासियों*
को वन अधिकार को लेकर
*अखिलेन्द्र प्रताप* की पहल का चन्दौली जनपद में दिखने लगा असर*

रद्दी में फेका वना धिक्कार की दावा दाखिल की फाईल की सुनवाई हुई पुन: शुरू

आदिवासियों और परम्परागत वन निवासियों को वन भूमि पर अधिकार देने की संसद से बने वनाधिकार कानून और इसे लागू करने के सम्बंध में आये माननीय उच्च न्यायलय के आदेश की खुलेआम अवेहलना हो रही थी बिना किसी लिखित सूचना के वनाधिकार कानून के तहत दाखिल 14088 दावो मे से 13998 दावे की और बिना सही तरीके से सुनवाई किए वैगेर खारिज कर दिया गया था लेकिन पुनः
उच्च न्यायलय के आदेश पर सक्रिय हुआ प्रशासनिक अधिकारी फिर दावे दाखिल की प्रक्रिया में लग तो गया हैं और जो बंडल में बांधकर रद्दी में फेक दिया गया था उसे पुनः छाड़ पोछ कर जांच की जा रही है आज चकिया उपजिलाधिकारी कार्यालय में जंगल विभाग के अधिकारी ने वैरा वीट के दिरेहु, डोडापुर,दूबेपुर सहित कई गाँव के 1167 दावा दाखिल करने वाले को लिखित नोटिस देकर बुलाया गया और दावेदार पहुँच कर अपना कागजात दिखाए औरआप जानते हैं कि स्वराज अभियान के राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह के पहल पर आदिवासी वनवासी महासभा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया गया था।जिस जनहीत याचिका पर हाईकोर्ट ने तय समयावधि में वनाधिकार के दावे की पुनः सुनवाई का आदेश दिया था।आज उपजिलाधिकारी व वन विभाग के अधिकरियों से स्वराज अभियान व मजदूर किसान मंच,आदिवासी वनवासी महासभा के नेता ने मिलकर दावा दाखिल करने वाले आदिवासियों व परम्परागत वन निवासियों की दावा की सही सुनवाई करने व जब तक जांच जल रही और दावे का निस्तारण नही हुआ है तब तक बेदखली की उत्पीड़न की कार्रवाई बंद हो।

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