अधिकारी या पत्रकार जब अपनी जिम्मेदारी और ईमानदारी पर उतर आए तो राजनीति भी बाल बाका नहीं कर सकती और वो ईमानदार ब्यक्ति देखते ही देखते जनता की आखों का तारा बन जाता है। जी हाँ आईपीएस सोनिया नारंग इसका जीता जागता उदाहरण है। हालात यह हैं कि जब लोकायुक्त वाई भास्कर राव के बेटे और रिश्तेदारों पर वसूली का आरोप लगा तो ईमानदार जांच के लिए नारंग को ही याद किया गया। सब जानते हैं कि नारंग किसी के सामने नहीं झुकने वाली। जो सच होगा, बाहर आ ही जाएगा।
कर्नाटक की जनता सीबीआई की जांच पर सवाल उठा सकती है परंतु सोनिया नारंग की जांच पर नहीं। *बीजेपी के नेता को जड़ चुकी हैं जोरदार थप्पड़* सोनिया अपनी 13 साल की नौकरी में कर्नाटक के कई बड़े शहरों में तैनात रही इस दौरान वह जहां भी गईं, अपराधियों को भागने पर मजबूर कर दिया। साल 2006 में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस और बीजेपी के 2 कद्दावर नेता आपस में भिड़ गए थे, तब आईपीएस सोनिया ने बीजेपी के एक नेता रेनुकाचार्य को सरेआम जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था। हालांकि, बाद में यही नेता (रेनुका) मंत्री भी बने थे। उस वक्त सोनिया देवनगिरि जिले की एसपी थीं। ईमानदारी के लिये सोनिया को कई बार सम्मान भी मिल चुका है।
सीएम ने घसीटा था घोटाले में नाम : मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने आईपीएस सोनिया का नाम 16 करोड़ के खदान घोटाले में लिया, तो राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मच गया। सीएम ने विधानसभा में घोटाले से जुड़े अधिकारियों के नाम उजागर किए थे। उनमें एक नाम सोनिया नारंग का भी था। सोनिया ने मुख्यमंत्री के आरोपों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा, मेरी अंतरात्मा साफ है आप चाहें तो किसी भी तरह की जांच करा लें, मैं इस आरोप का न सिर्फ खंडन करती हूं बल्कि इसका कानूनी तरीके से हर स्तर पर विरोध करूंगी। सोनिया ने उस वक्त मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से भी दो-दो हाथ करने के लिए कमर कस ली थी।
*कौन हैं सोनिया नारंग* ??
सोनिया नारंग 2002 बैच की कर्नाटक की चर्चित आईपीएस अधिकारी हैं जो अपने फौलादी हौसले और काम के लिए जानी जाती हैं. लेकिन इसबार उन्होंने अपनी पूरी ताकत सरकार से दो-दो हाथ करने में झोंक दी है। उनके इस हौसले से जहां राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में हड़कम्प मच गया है वहीं आम जन में सोनिया के बारे में जानने की गजब की चाहत बढ़ गई है।मुख्यमंत्री ने करोड़ों के घोटाले में इनका नाम खींचा। इतना सुनना था कि सोनिया नारंग ने इस आरोप का खुल कर विरोध किया और कहा कि “मेरी अंतरात्मा साफ है आप चाहें तो किसी भी तरह की जांच करा लें मैं इस आरोप का न सिर्फ खंडन करती हूं बल्कि इसका कानूनी तरीके से हर स्तर पर विरोध करूंगी। आम तौर पर होता यह है कि अगर किसी अधिकारी के ऊपर किसी तरह के आरोप लगते हैं तो वह सदन के सदस्यों से मिलते हैं और इस संबंध में पनपी आशंका को दूर करने की कोशिश करते हैं लेकिन सोनिया ने अपनी शैली में इस आरोप का जवाब देना जरूरी समझा है। वह सदन के नेता को सफाई देने के बजाये सीधे प्रेस के लिए स्टेटमेंट जारी करती हैं।
सोनिया कहती हैं मैंने अपने पूरे करियर में कानून को सर्वपरि माना है इसलिए किसी अवैध खनन को बढ़ावा देने या खनन माफिया से सांठ-गांठ का कोई सवाल ही नहीं होता है।
रिपोर्ट महेंद्र मणि पाण्डेय ( मुम्बई )