नपाप के द्वारा कार्तिक स्नान पर्व की व्यवस्था करने से महिलाओं में दिख रही धार्मिक उमंग मऊरानीपुर (झाँसी) नगर पालिका परिषद द्वारा कार्तिक मास के चलते महिलाओं के कार्तिक स्नान पर्व के लिये काफी इंतजाम किये गये है। जो सुखनई नदी स्थित मेला ग्राउण्ड के पास डले मैदान पर कार्तिक मास में कार्तिक स्नान का काफी महत्व है

जिसको दृष्टिगत रखते हुये नगर पालिका परिषद के द्वारा महिलाओं के स्नान के लिये काफी पुख्ता इंतजाम देखे जा रहे है। जिसका श्रेय न.पा.प. अधिशासी अधिकारी कल्पना शर्मा एवं न.पा.प. अध्यक्ष हरिश्चन्द्र आर्य को जाता है। जिसके चलते नगर की महिलाओं में काफी खुशी का अनुभव देखा जा रहा है। और पूरे नगर में नगर पालिका परिषद की काफी तारीफ चल रही है। महिलाओं के द्वारा अधिशासी अधिकारी एवं पालिकाध्यक्ष की काफी भविष्य की कामना की जा रही है। इन लोगों को महिलाओं का काफी आशीर्वाद प्रतिदिन मिल रहा है। कारण कि महिलाओं को कार्तिक स्नान पर्व में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नही करना पड रहा है। जिससे नगर में महिलाओं में काफी खुशी एवं उमंग देखी जा रही है। जो अपने कार्तिक मास के स्नान के पर्व में धार्मिक रुप में देखी जा रही है।
तहसील मऊरानीपुर में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर व्यवस्थाओं का टोटाओपीडी में दवाई का एक काउन्टर होने से मरीजों की देखी जाती है जोरदार भीडप्रशासन बना हुआ है मूक दर्शक मऊरानीपुर (झाँसी) तहसील मऊरानीपुर के अन्तर्गत जो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बना है। ये केवल मात्र स्वास्थ्य का केन्द्र का केन्द्र ही बनकर रह गया है। जहाँ

पर मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई भी सहायता नही मिल रही है। जब तहसील मऊरानीपुर में बना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केवल मरीजों की इंटी करने के लिये ही बना देखा जा रहा है। जिसमें न ही पर्याप्त डॉक्टर है और न ही मरीजों का उपचार सही तरीके के साथ किया जा रहा है। मरीजों को सबसे पहले डॉक्टरों को ढूँढना पडता है। तब वह अपना उपचार करा पाते है। मऊरानीपुर में कई वर्षो से रिफर सेन्टर भी देखा जा रहा है। जिसमें मरीजों को आते देख डॉक्टर उसका रिफर बनाने लगते है। यहाँ पर केवल मरीजों को बोतल एवं इंग्जेक्शन ही लगाया जाता है। इसकें बाद उसे झाँसी रिफर कर दिया जाता है। मऊरानीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसा यश और मौजमस्ती मुश्किल ही है किसी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों एवं यहाँ के स्टाफ को मिल सके ये सब के सब मौजमस्ती करते हुये अपनी नौकरी को काट रहे है। जबकि यहाँ एक दूसरी बात ये भी है कि यहाँ के प्रत्येक सरकारी डॉक्टर प्राईवेट में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के मरीजों का उपचार करते हुये देखे जा रहे है। वही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जैसे ही मरीजों को उपचार कराना पडता है तो वैसे ही डॉक्टरों के दलालों से मिलना पडता है तब दलाल डाक्ॅटरों को फोन से बुलाते है कारण कि डॉक्टर साहब प्राईवेट में प्रेक्टिस करते हुये देखे जाते है। इसी प्रकार से यहाँ जो बाथरुम है उनमें भी काफी गन्दगी भी देखी जा सकती है। इसी के साथ तहसील मऊरानीपुर के अन्तर्गत आने वाले समस्त ग्रामों के लोगों को भी उपचार के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आना पडता है। यहाँ पर किसी भी प्रकार की लोगों को सुविधायें नही दी जा रही है। साथ ही न ही यहाँ पर आपातकालीन स्थिति में मरीजों को एम्बुलेन्स का कोई भी लाभ मिलता है। कारण कि जब एम्बुलेन्स वालों के फोन लगाओं तो इनके फोन कभी भी लगते ही नही है। और अगर भगवान भरोसे कभी लग जाये तो एम्बुलेन्स तब आयेगी जब मरीज प्राईवेट वाहन से जा चुका होता है। इसी प्रकार से यहाँ जो दवाई का काउन्टर है वह एक ही है जबकि दवाई के काउन्टर कम से कम दो होना चाहिये जिससे मरीजो को दवाई शीघ्र ही मिल सके लेकिन यहाँ मरीजों को डॉक्टरों के मिलने के बाद दवाई के लिये भी लाईन में धूप में, बारिश में लगना पडता है। वही चिकित्सा अधीक्षक तो मौज मस्ती करते हुये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को चला रहे है। इन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से कोई भी मतलब नही है ये तो प्राईवेट में खुद प्राईवेट प्रैक्टिस करते हुये खुलेआम देखे जा रहे है। वही जब कभी चिकित्सा अधीक्षक से पत्रकारों की मुलाकात होती है तो ये पत्रकारों की भी गरिमा का कतई ध्यान नही रखते है और अपनी रौब गिरि में देखे जाते है। ये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में व्यवस्थाओं पर कतई ध्यान नही दे रहे है। इस प्रकार के चिकित्सा अधीक्षक पर शीघ्र से शीघ्र कार्यवाही होनी चाहिये। जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊरानीपुर में मरीजों को कुछ पुक्ता इलाज मिल सके। इस प्रकार की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की समस्याओं से जिलाधिकारी झाँसी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी का ध्यान नगर वासियों ने गम्भीरता से आकृष्ट कराया है।
नगर में अन्ना जानवरों की दशा दयनीयस्थानीय प्रशासन बना है मूक दर्शकमऊरानीपुर (झाँसी) नगर में अन्ना जानवरों की हालत दयनीय देखी जा रही है। जिसमें दुग्धमय गायें भी बन जाती वाहनां का हवस का शिकार जिस पर नगर के अफसरों के साथ समाजसेवी एवं राजनैतिक लोगों की

आँखों पर इसका कोई भी असर नही पड रहा है। नगर में प्रत्येक मुहल्लों के साथ मुख्य मार्गो पर जबरदस्त तरीके से गायों को देखा जा रहा है। ये किस प्रकार के दुष्ट व्यक्ति है जो दूध देने पर गायों को अपना कहने लगते है जब वही गायें दूध देना बन्द कर देती है तो ये लोग गायों को भूख , प्यास के लिये बेहाल कर देते है। इस प्रकार के लोगों पर कठिन से कठिन कानूनी कार्यवाही नगर के स्थानीय प्रशासन को शीघ्रता से लेना चाहिये । लेकिन स्थानीय प्रशासन इस पर अपनी कोई भी रुचि नही दिखा रहा है। जबकि नगर में अफसरों का स्थानान्तरण होने पर नये अफसरों को अभी अपने पद की गरिमा लोगों तक पहुँचाने में अभी और कितने दिन लग सकते है ये लोगो में चर्चा का विषय बना हुआ है। अगर इस प्रकार की समस्या को गहनता से नही लिया जाता है। तो जो हमारी गाय माता के नाम से कहते है। इनके दूध के लिये भी लोगों को तरसना पडेगा । लेकिन स्थानीय प्रशासन मूक अवस्था में बैठा है जबकि दिन प्रतिदिन गायों को वाहनों द्वारा अचेत किया जा रहा है साथ ही गायों को मौत के घाट भी उतारा जा रहा है। कारण कि गायों के मालिक तो केवल मात्र दूध देने के समय उन्हें अपना बना लेते है इसके बाद उन्हें खुलेआम छोड देते है। इस समस्या से लेकर स्थानीय प्रशासन का इस ओर ध्यान आकृष्ट न होने से नगर वासियों में काफी रोष देखा जा रहा है।

रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर ।

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